
NIT Raipur (photo-patrika )
CG News: वैक्सीन, इंसुलिन और अन्य तापमान-संवेदनशील दवाइयों के परिवहन में अब आइस पैक या पारंपरिक रेफ्रिजरेशन पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एनआईटी रायपुर के दो छात्रों ने ऐसा स्मार्ट मेड बॉक्स विकसित किया है, जो बिना बर्फ के दवाइयों को सुरक्षित तापमान पर बनाए रख सकता है। एनआईटी रायपुर के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के छात्र ऋषभ भाटी और हर्षित अग्रवाल के जरिए विकसित यह मेड बॉक्स पेल्टियर आधारित कूलिंग टेक्नोलॉजी पर काम करता है।
यह तकनीक इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ठंडक पैदा कर बॉक्स के अंदर तापमान को स्थिर रखती है। इसमें लगे फैन और हीट रेजिस्टेंस सिस्टम तापमान में उतार-चढ़ाव नहीं होने देते, जिससे दवाइयां सुरक्षित रहती हैं। इस मेड बॉक्स को और अधिक भरोसेमंद बनाने के लिए इसमें माइक्रो-कंट्रोलर का इस्तेमाल किया गया है। इसकी मदद से इंटरनेट के जरिए हजारों किलोमीटर दूर बैठे लोग भी यह देख सकते हैं कि वैक्सीन या दवाइयों के लिए तय किया गया तापमान सही बना हुआ है या नहीं।
छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू) के इन्क्यूबेशन सेल सीएसवीटीयू फोर्टे ने इस प्रोजेक्ट को स्टार्टअप के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। दोनों छात्रों का इन्क्यूबेशन पंजीयन हो चुका है। सीएसवीटीयू फोर्टे इस उत्पाद के परीक्षण और तकनीकी सुधार के लिए विवि के प्रोफेसरों और बाहरी विशेषज्ञों की सहायता लेगा।
छात्र हर्षित अग्रवाल ने बताया कि उनके पिता की फॉर्मेसी है। वैक्सीन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के दौरान कई बार तापमान नियंत्रित न रहने से वैक्सीन खराब हो जाती थी। इसी व्यावहारिक समस्या के समाधान के लिए उन्होंने अपने मित्र के साथ शोध शुरू किया।
उचित प्लेटफॉर्म और समर्थन मिलने पर यह तकनीक ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में वैक्सीन सप्लाई की बड़ी समस्या का समाधान बन सकती है। स्वास्थ्य सेवाओं की कोल्ड-चेन को मजबूत करने की दिशा में यह मेड बॉक्स एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
Updated on:
17 Dec 2025 01:11 pm
Published on:
17 Dec 2025 01:10 pm
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