
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सरगर्मी के बीच महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले से सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय मामले की जांच कर रही है। एजेंसी की जांच के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर 508 करोड़ रुपए लेने का आरोप लगा है। हाल ही महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटर शुभम सोनी ने दुबई से एक वीडियो जारीकर कहा कि मैं ही महादेव सट्टेबाजी ऐप का असली मालिक हूं। भूपेश बघेल के कहने पर दुबई आया था।
शुभम सोनी ने अपने वीडियो संदेश में भूपेश बघेल पर और भी कई आरोप लगाए। इस पूरे प्रकरण में शुभम सोनी के अलावा दो और नाम सामने आए हैं। ये नाम है सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के। इन दोनों को भी महादेव सट्टेबाजी ऐप का प्रमोटर बताया जा रहा है। लेकिन इस प्रकरण के सामने आने के बाद अब सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने बयान जारी कर खुद को बेगुनाह बताया है। अपने बयान में सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने खुद के सट्टेबाजी रैकेट में किसी भी तरह के जुड़ाव से साफतौर से इनकार किया है। उन्होंने महादेव ऐप या इसकी कथित वित्तीय गतिविधियों में किसी भी तरह के संबंध से इनकार करते हुए अपनी बेगुनाही का दावा पेश किया है।
मालूम हो कि हाल ही में जारी शुभम सोनी के वीडियो बयान में उन्हें यह कहते देखा जा रहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ दिये है। शुभम सोनी के वीडियो बयान के बाद सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने अपने बयान में कहा, "यह स्पष्ट करना भी जरूरी है कि इन पैसों के भुगतान के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में हम दोनों का नाम गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। हम दोनों ऐसे किसी भी लेन-देन में शामिल नहीं हैं।"
चंद्राकर और उप्पल ने कहा कि हम पर लगा आरोप पूरी तरह से निराधार है। मामले में सच्चाई सामने लाने के लिये एक स्पष्ट जांच की जरूरत है।
चंद्राकर और उप्पल ने अपने बयान में कहा कि हमने सबसे पहले शुभम सोनी को महादेव बुक सट्टेबाजी एप्लिकेशन के पीछे शामिल होने वाले मुख्य व्यक्ति के रूप में पहचान की थी। उन्होंने 'महादेवबुक मार्केट्स लिमिटेड' के साथ सोनी के जुड़ाव के बारे में विस्तार से बताते हुए खुलकर यह जानकारी साझा की। मगर अफसोस की बात है कि उनके खुलासों पर कोई कार्रवाई या जांच नहीं हुई। दोनों ही दावे के साथ कहते हैं कि यूएई रियल एस्टेट बाजार में उनके बढ़ते कद के चलते उन्हें इस मामले में गलत तरीके से बलि का बकरा बनाया गया है। उनके ख़िलाफ़ आरोपों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
शुभम सोनी का एक लीक हुआ वीडियो इस बात को जाहिर करता है कि कंपनी उनकी है और मीडिया कवरेज में कुछ जोड़-तोड़ किया गया है। इस खुलासे के बाद भी मामले में चंद्राकर और उप्पल के नाम को गलत तरीके से फंसाया गया। चंद्राकर और उप्पल ने कहा कि हम दोनों व्यक्ति वैश्विक रियल एस्टेट के क्षेत्र में एक समृद्धशाली उद्यम "एम्पायर वन" के निर्माण और पोषण में सक्रिय रूप से संलग्न हैं।
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने कहा कि हम दोनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं। उनकी मांग पर सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध कर रहे हैं। चंद्राकर और उप्पल ने अपने बयान में मीडिया और आम जनता से अनुरोध किया कि उन्हें भगोड़ा न करार दिया जाए, क्योंकि वह कानूनी कार्यवाही में तत्परता से भाग ले रहे हैं।
Published on:
06 Nov 2023 11:02 pm
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