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छत्तीसगढ़ का सोमनाथ: शिवनाथ और खारून के संगम पर ठंड, गर्मी और बरसात में रंग बदलने वाला स्वयं-भू शिवलिंग, Video

खारून और शिवनाथ नदी के संगम पर एक ऐसा शिवलिंग भी विराजमान है जो साल में तीन बार रंग बदलता है। गर्मी, बरसात और ठंड में क्रमश: लाल, भूरा और काले रंग के साथ सोमनाथ महादेव भक्तों को दर्शन देते हैं।    

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भिलाई

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Dakshi Sahu

Mar 11, 2021

छत्तीसगढ़ का सोमनाथ: शिवनाथ और खारून के संगम पर ठंड, गर्मी और बरसात में रंग बदलना वाला स्वयं-भू शिवलिंग, Video

छत्तीसगढ़ का सोमनाथ: शिवनाथ और खारून के संगम पर ठंड, गर्मी और बरसात में रंग बदलना वाला स्वयं-भू शिवलिंग, Video

दाक्षी साहू @भिलाई. खारून और शिवनाथ नदी के संगम पर एक ऐसा शिवलिंग भी विराजमान है जो साल में तीन बार रंग बदलता है। गर्मी, बरसात और ठंड में क्रमश: लाल, भूरा और काले रंग के साथ सोमनाथ महादेव भक्तों को दर्शन देते हैं। सिमगा के लखना गांव में स्थित लगभग 6-7 वीं शताब्दी के इस प्राचीन शिवमंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। रंग बदलने के साथ ही स्वयं-भू शिवलिंग का आकार लगातार बढ़ते जा रहा है। फिलहाल शिवलिंग की ऊंचाई तीन फीट है जिसकी गोलाई और ऊंचाई दोनों बढ़ रही है। (somnath temple chhattisgarh )

स्थानीय निषाद समाज के अराध्य देव के रूप में पूजे जाने वाले सोमनाथ मंदिर के बारे में मछुआरों ने बताया कि यह शिवलिंग हजारों साल पुराना है ,जो खुदाई के दौरान मिला है। टीले पर बने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया है। इसके अलावा संगम के बीच में भी भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है जो सालभर पानी में डूबा रहता है। गर्मियों में जब जल स्तर कम होता तब आम लोग शिवलिंग के दर्शन कर पाते हैं। हर साल महाशिवरात्रि, माघ पूर्णिमा और सावन सोमवार पर दूर-दूर से लोग जल चढ़ाने के लिए यहां आते हैं।

मन्नतों वाले बाबा के रूप में जाने जाते हैं स्वयं-भू सोमनाथ
राजधानी रायपुर से बिलासपुर रोड पर स्थित प्रकृति की सुरम्य वादियों में विराजमान स्वयं-भू सोमनाथ मन्नतों वाले बाबा के रूप में भी जाने जाते हैं। इसलिए हर साल सावन में कांवरिया यहां सैकड़ों किमी. का सफर करके जल चढ़ाते हैं। सोमनाथ के दर्शन के बाद संगम के बीच में स्थिति शिवलिंग का काल्पनिक दर्शन करना अनिवार्य है। इसलिए लोग नाव में सवार होकर मंदिर की परिक्रमा करते हैं।

शिव परिवार है विराजमान
सोमनाथ के प्राचीन मंदिर में शिव परिवार देवी पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नन्दी की प्रतिमा भी स्थापित है। इसी मन्दिर में उत्खनन के समय सोमनाथ महादेव शिवलिंग के ही प्रतिरूप शिवलिंग प्रतिमा मिली थी, जिसे निषाद समाज द्वारा निर्मित मन्दिर में स्थापित किया गया है। संगम स्थल पर खारून नदी एवं शिवनाथ नदी के दूसरे पाट में जमघट, कृतपुर, सहगांव आदि ग्राम स्थित है। शिवनाथ नदी के किनारे मछुआरों का एक समूह रहता है जो यहां के तीर्थ स्थलों तक पर्यटकों को अपनी नौकाओं द्वारा लाना-ले जाना करता है। सोमनाथ तीर्थ स्थल छत्तीसगढ़ का एक मनोहारी पर्यटन स्थल के रूप में तेजी से उभर रहा है।