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कोरोना योद्धाओं को दिया भगवान का दर्जा, छलका मजदूरों का दर्द भी

लॉकडाउन में जब घर बैठे कलाकारों से लेकर महिलाओं ने अपने लिए मंच तलाशा तो ऐसे में देश के कवियों ने भी अपनी भावनाओं को व्यक्त करने डिजिटल मंच का उपयोग किया। सोशल मीडिया पर बने ग्रुप अमृतम काव्यम् के मंच पर छत्तीसगढ़ सहित देश के कवियों ने अपनी रचना पेश की।

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कोरोना योद्धाओं को दिया भगवान का दर्जा, छलका मजदूरों का दर्द भी

देश के कवियों ने अपनी रचना पेश की

भिलाई. लॉकडाउन में जब घर बैठे कलाकारों से लेकर महिलाओं ने अपने लिए मंच तलाशा तो ऐसे में देश के कवियों ने भी अपनी भावनाओं को व्यक्त करने डिजिटल मंच का उपयोग किया। सोशल मीडिया पर बने ग्रुप अमृतम काव्यम् के मंच पर छत्तीसगढ़ सहित देश के कवियों ने अपनी रचना पेश की। किसी ने वीडियो तो किसी ने ऑडियो के जरिए अपनी भावनाओं को शब्द दिए। इस कवि सम्मेलन का संयोजन गीदम निवासी कवि एवं व्याख्याता अवधेश अवस्थी ने किया। मंचीय कार्यक्रम की तरह न सिर्फ उन्होंने ऑनलाइन एक-एक कवियों को आमंत्रित किया, बल्कि उन्होंने उनका परिचय भी कराया। वहीं ग्रुप के सदस्यों ने भी रचनाएं सुनकर साथियों का हौसला अफजाई की। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ जयसिंह अलवरी थे। विशेष अतिथि भिलाई की कवि सरला शर्मा थी।


लाइव सरस्वती वंदना
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की आराधना से हुई। जिसे भिलाई की मऊ रे ने लाइव प्रस्तुति दी। इसके बाद रायपुर की जया ज्योति नायडू राय ने बेहतरीन गजल की प्रस्तुति दी। सस्वर गजल किसी की दूरियों का फायदा नजदीक जाकर मत उठाया करो. को सदस्यों ने काफी पसंद किया। प्रयागराज की हेमा श्रीवास्तव ने गीत सिया का राम से शबरी का श्री रघुवर से नाता है।..अहिल्या जी का शिला तन भी चरण रज से तर जाता है।.. में श्रीराम की महिमा का बखान किया। भाटापारा की वंदना गोपाल शर्मा ने कोरोना महामारी की वजह से परेशान लोगों की हालत को अपने गीतों में बयां किया।


खुदा सा काम करते हैं..
कांकेर के अखिलेश अरकरा ने कोरोना योद्धाओं को समर्पित अपनी रचना सुनाई। उन्होंने इन योद्धाओं को पंक्तियां समर्पित करते हुए कहा कि बचाते जान सबकी है, नहीं आराम करते हैं, खुदा से कम नहीं है, खुदा सा काम करते हैं। इसी कड़ी में अयोध्या से आचार्य संतोष अवस्थी ने भी मजदूरों की व्यथा को बखूबी बताया। किस तरह ट्रेन के नहीं चलने से मजदूर पैदल चलने को मजबूर है.. रिजेन्द्र गंजीर ने भी कोरोना के कर्मवीरों को समर्पित अपनी कविता कर्म सदा है सत्यवान सा फिर कैसी लाचारी है....को सुनाया। वहीं अशोक यादव, व्यंजना आनंदन ने भी अपनी बेहतरीन प्रस्तुति दी। इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन में देवश्री गोयल, पूर्णिमा सर रानू शील नाग, अमिता रवि दुबे ,पोषण वर्मा , किरण बिनानी, मधु मिश्रा, देवेंद्र सोनी, वीरेंद्र कुमार साहू आदि ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।