पुलिस ने देर रात आरक्षक के कमरे में खोजबीन की तो रैक में सुसाइड नोट मिला। मृतक ने खुदकुशी के लिए तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए सुसाइड नोट लिखा है। पुलिस का कहना है कि हैंडराइटिंग जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ धारा ३०६ के तहत कार्रवाई की जाएगी, फिलहाल मामले को जांच में रखा गया है। दैहिक शोषण के आरोप से घिरे ट्रैफिक विभाग में पदस्थ आरक्षक आशीष ने गुरुवार को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
खुदकुशी का कारण स्पष्ट नहीं हो रहा था। केवल आशंका जताई जा रही थी कि विभागीय जांच और बदनामी से आहत होकर यह आत्मघाती कदम उठाया है। उसके कमरे से सुसाइड नोट मिलने पर मामला अब स्पष्ट हो गया है। कुम्हारी थाना पुलिस को जांच के लिए एक नई दिशा मिल गई है। मृतक ने अपनी गर्भवती पत्नी और मां को संबोधित करते हुए पत्र लिखा है।
मौत के लिए ये तीन कसूरवार
आशीष के कमरे से बरामद सुसाइड नोट में खुदकुशी के लिए तीन लोगों को कसूरवार बताया है। पहले नंबर पर दैहिक शोषण का आरोप लगाने वाली महिला नीलम राजपूत (नीलू) के नाम का जिक्र किया है। लिखा है कि डीएमडी चौक बजाज एलाइंस कंपनी में कार्यरत दारा सिंह परिहार नीलम को भटका रहा था। यह उसकी ही साजिश है।
आशीष के कमरे से बरामद सुसाइड नोट में खुदकुशी के लिए तीन लोगों को कसूरवार बताया है। पहले नंबर पर दैहिक शोषण का आरोप लगाने वाली महिला नीलम राजपूत (नीलू) के नाम का जिक्र किया है। लिखा है कि डीएमडी चौक बजाज एलाइंस कंपनी में कार्यरत दारा सिंह परिहार नीलम को भटका रहा था। यह उसकी ही साजिश है।
लिखा है कि नीलम की सेजबहार निवासी बड़ी बहन सोनी भी मेरी मौतके लिए कसूरवार है। इन तीनों के कारण मेरा जीवन नर्क बन गया था। पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की जांच कराई जाएगी। यदि यह हैंडराइटिंग आशीष की ही होगी तब तीनों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया जाएगा।
जानिए सुसाइड नोट में आशीष ने क्या लिखा
आज अपनी पत्नी, इज्जत, मान और विश्वास सब अपने परिवार वालों के सामने खो बैठा हूं। मेरी वजह से मेरी मां, पत्नी रात-दिन रो रहे हंै कि उनका मेरे सिवा कौन सहारा है। मैं कभी यह कदम नहीं उठाना चाहता था। पर मेरे पास कोई रास्ता नहीं बचा। मैं अपने आप को खत्म कर रहा हूं। आज मेरी मां ने उस औरत के सामने हाथ जोड़कर माफी मांगी कि बेटे के खिलाफ जो झूठी शिकायत की है, उसे वापस ले ले। मैं जिंदगी भर उसे बेटी बनाकर रखूंगी। पर उसने मेरी मां को बुरा भला कहा कि सबका साथ है। लेकिन मैंने अपने हाथ से अपना सब कुछ गंवा दिया।
आज अपनी पत्नी, इज्जत, मान और विश्वास सब अपने परिवार वालों के सामने खो बैठा हूं। मेरी वजह से मेरी मां, पत्नी रात-दिन रो रहे हंै कि उनका मेरे सिवा कौन सहारा है। मैं कभी यह कदम नहीं उठाना चाहता था। पर मेरे पास कोई रास्ता नहीं बचा। मैं अपने आप को खत्म कर रहा हूं। आज मेरी मां ने उस औरत के सामने हाथ जोड़कर माफी मांगी कि बेटे के खिलाफ जो झूठी शिकायत की है, उसे वापस ले ले। मैं जिंदगी भर उसे बेटी बनाकर रखूंगी। पर उसने मेरी मां को बुरा भला कहा कि सबका साथ है। लेकिन मैंने अपने हाथ से अपना सब कुछ गंवा दिया।
मैं अगर बड़ा कदम उठाता हूं, उसकी पूरी जिम्मेदारी नीलम राजपूत (नीलू), दारा सिंह परिहार और उसकी बड़ी बहन सोनी की है। मैं यह कदम कभी भी नहीं उठाना चाहता था। मैं अपनी बीबी से बहुत प्यार करता हूं। पर शायद कभी अपने लिए वो प्यार इज्जत न दे पाऊं। मेरी मां का मैं अकेला सहारा हूं। पर क्या करूं मां मैं तुमको छोड़कर नहीं जाना चाहता था। पर आज लगता है कि सब कुछ खत्म हो गया। नीलू ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा। मेरी बहन और जीजा जी बहुत अच्छे हैं। हर कदम में मेरा साथ दिया। मैं जो कदम कभी उठाऊंगा तो उसकी वजह केवल इज्जत है।
मेरा बच्चा आने वाला है। कल उसे पता चलेगा कि उसके पिता ने क्या किया तो वह उस दिन को कैसे फेस करेगा। सब उसको ताना देंगे। भला बुरा कहेंगे। उसकी छोटी जिंदगी शुरू होने से पहले ही बर्बाद हो गई। भगवान से विनती कर रहा हूं कि मुझे ताकत और हिम्मत दे। अब जीने की इच्छा खत्म हो गई है।
कितना सहेगी मां…..भूमिका मुझको हो सके तो माफ करना …. मैं सच में अब नहीं जीना चाहता। एसपी डॉ. संजीव शुक्ला ने बताया कि इस मामले में पीएम रिपोर्ट आने के बाद परिजनों से पूछताछ होगी। आरक्षक के कमरे से सुसाइट नोट मिला है। हैंडराइटिंग जांच कराएंगे और हैंडराइटिंग आशीष की ही निकली तो आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।