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मोहम्मद जावेद - पत्रिका भिलाई . जिंदगी में कई मोड़ आएंगे, जब आपको खुद पर भरोसा रखते हुए आगे बढऩा होगा। आपको कामयाब होता देख लोग टांग खीचेंगे, लेकिन आपके कदम लडख़ड़ाने नहीं चाहिए। यह कहना है कि भारत सरकार के फिट इंडिया मिशन की ब्रांड अंबेडसर व मिसेस यूनिवर्स शिल्पा अग्रवाल का। वह रविवार को भिलाई में हुए एक निजी फैशन शो में बतौर गेस्ट शामिल होने पहुंची थी। इस दौरान पत्रिका के साथ मुलाकात में उन्होंने अपनी लाइफ के कई अनुभव शेयर किए। जिनको यदि आप खुद पर अप्लाई करें, तो सफलता निश्चित होगी।
पत्रिका - मिसेज यूनिवर्स के लिए कैसे तैयारी की?
शिल्पा - शादी के करीब १८ साल यह मुकाम हासिल किया। १८ साल की उम्र में शादी हो गई। साढ़े १९ साल में बेटे को जन्म दिया। महज १२वीं पढ़ी हूं। एक बार अखबर में ऐसे ही प्रतियोगिता के बारे में पढ़ा तब लगा कि मुझे भी इस स्पर्धा का हिस्सा होना चाहिए। यह कॉन्फीडेंस पति व परिवार से ही मिला। उस वक्त मेरा वजह करीब ७६ किलो हुआ करता था, लोग तुझसे न हो पाएगा वाला डायलॉग कसते थे। उनकी बातों पर गौर न करते हुए मैंने खुद को ढाला। पर्सनैलिटी को बनाने के लिए काफी मेहनत की। उस वक्त हाल ये था कि एक किलो मीटर दौडऩे में हालत पतली हो जाती, मगर अब १० किलो मीटर भी बिना रुके भाग सकती हूं।
पत्रिका - फैटी गल्र्स खुद को कैसे मोटिवेट करे?
अकसर मोटी लड़कियों को भीड़ से अलग देखा जाता रहा है। वह खुद में भी कॉन्फीडेंस नहीं होती। मैने शादी के बाद खुद को तैयार किया, इतना वजन कम किया। फिर ये आप क्यों नहीं कर पाएंगी। हमेशा सोचिए कि ऐसा कोई भी काम नहीं बना है, जिसे एक लड़की न कर पाए।
पत्रिका - बिजनेस वुमन तक का सफर कैसा रहा?
शिल्पा - मेरी लाइफ की हर जर्नी चढ़ाव भरी रही। मैं सिर्फ १२वीं तक ही पढ़ी-लिखी हूं। हमारे परिवार का फर्नीचर का बिजनेस है। जिसमें मैंने हेल्पर के तौर पर शुरुआत की। इस बीच कई मोड़ आए जब नर्वस होकर सुसाइड करने का भी मन बना लिया, लेकिन बिना कुछ बने नहीं रुकुंगी, इसका खयाल आते ही इरादा बदल जाता। धीरे-धीरे काम समझ में आता गया। पति के साथ मशीनरी खरीदने के लिए चाइना गई, जहां औरतों को हर फील्ड में आगे देखकर मुझे भी ये कॉन्फीडेंस मिला। अपनी ही कंपनी में काम सीखने वेल्डिंग मशीन तक चलाई। आज हमारी कंपनी फर्नीचर के क्षेत्र में काफी आगे है, और मैं उस कंपनी की एमडी हूं।
पत्रिका - फिट इंडिया मूवमेंट से क्या बदलाव आएंगे?
शिल्पा - यंग इंडिया को फिट होना भी जरूरी है। जब हम एक्सरसाइज करते हैं तो हमारी बॉडी अच्छे हार्मेन रिलीज करती है, जिससे आपको अच्छे खयाल आते हैं। माइंड शांत रहता है। हमारा मकसद लोगों को फिट रखना है। यदि घर की एक औरत फिट रहती है तो पूरा परिवार फिट हो सकता है। लेडीज के पास सबकाम के लिए टाइम होता है, लेकिन खुद के लिए नहीं। यह सोचना बदलना जरूरी है।
पत्रिका - परिवार को कनवेंस कैसे किया जाए?
शिल्पा - आप अपना माइका छोड़कर ससुराल पहुंची है। ऐसे में दोनों के लिए ही आप नई हैं। पहले अपने परिवार के साथ एटजस्ट हो जाइए। उनको समय दीजिए। कम से कम साल दो साल के बाद ही खुद के लिए कुछ बेहतर करने का मन बनाइए। जब उन्हें आप पर भरोसा हो जाएगा तो परिवार भी आपको सपोर्ट करते हुए आपके सफर को अपना समझेगा।
Published on:
26 Dec 2019 01:00 pm
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