राजस्थान पत्रिका के भीलवाड़ा संस्करण के 25 वें स्थापना दिवस के तहत सप्ताह भर के आयोजनों की कड़ी में महाराणा कुंभा ट्रस्ट के सहयोग से साफा बांधो प्रतियोगिता हुई। इसमें मेवाड़ी व मारवाड़ी साफे बांधने की तीन श्रेणियों की स्पर्द्धा हुई। खड़े और गोल साफे बांधने की स्पर्द्धा में प्रतिभागियों की फुर्ती देखते ही बन पड़ी। कुछ ने साफा बांधने के बाद मूंछों पर ताव देकर अपने जोश का इजहार किया। साफा बांधते समय युवा जय शिवा सरदार की…जय राणा प्रताप की…राणा की जय-जय, शिवा की जय-जय और जय भवानी-जय भवानी के नारे लगा रहे थे। प्रतियोगिता में युवाओं ने बड़े जोश खरोश से हिस्सा लिया।
प्रतियोगिता के शुरू में महाराणा कुंभा ट्रस्ट के अध्यक्ष मणिराजसिंह चुंडावत, सचिव भगवतसिंह खारड़ा, सह सचिव सुरेंद्र सिंह मोटरास व कोषाध्यक्ष शैलेंद्रसिंह राठौड़ ने महाराणा कुंभा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। सबसे पहले खड़ा साफा स्पर्द्धा हुई। इसके बाद गोल साफा मुकाबले हुए। सबसे अंत में सबसे कम समय में साफा बांधने की स्पर्द्धा हुई। प्रतिभागियों को साफे ट्रस्ट ने मुहैया कराए। खड़ा व गोल साफा बांधने के लिए तीन मिनट का समय तय किया। प्रतिभागियों ने नियत समय से पहले ही साफे बांध लिए। तेजी से साफा बांधने में सुरेन्द्र सिह जोगरास ने मात्र 25 सेकंड लिए। निर्णायक मंडल में सचिव भगवतसिंह खारड़ा, मनोहरसिंह हाड़ा व विजयसिंह चौहान शामिल रहे। राजस्थान पत्रिका के संपादकीय प्रभारी कानाराम मुण्डियार ने ट्रस्ट पदाधिकारियों व प्रतिभागियों का आभार जताया।
श्रेणी व विजेता-
खड़ा साफा : प्रथम-देशराजसिंह बबराणा, द्वितीय कैलाशसिंह राठौड़, तृतीय-कुलदीप सिंह भादू।
गोल साफा: प्रथम-देशराजसिंह बबराणा, द्वितीय-गिरिराज सिंह भटेड़ा, तृतीय-लोकेंद्रसिंह राठौड़।
फास्ट साफा: प्रथम-सुरेंद्रसिंह जोगरास, द्वितीय-देशराजसिंह बबराणा, तृतीय-कुलदीपसिंह भादू।
इनकी भी मौजूदगी रही-
सह सचिव सुरेंद्र सिंह मोटरास ने बताया कि साफा बांधो प्रतियोगिता में महाराणा कुंभा ट्रस्ट के कार्यकारिणी सदस्य योगेंद्रसिंह रूपाहेली, प्रताप युवा शक्ति के उपाध्यक्ष कानसिंह खारड़ा, हेमेंद्रसिंह डाबला, जिलाध्यक्ष नागेंद्रसिंह जामोली, युवराजसिंह गुवारड़ी, दिग्विजयसिंह लुहारिया, वार्डन राजेन्द्रसिंह, शैलेंद्रसिंह मोहबतपुरा, भूपेंद्रसिंह दौलतगढ़, मरुधरसिंह, मंगलसिंह, अनूपसिंह, हेमराज प्रजापत, तरुण कुमार, मुकेश गुप्ता, देवीलाल आदि मौजूद रहे।