अपार आईडी पर अब एक जुलाई से होगा काम
प्रदेश की सरकारी स्कूलों में हर विद्यार्थियों की यूनिक आईडी तैयार करने की अनिवार्यता लागू करने तथा पूरे शिक्षा सत्र के दौरान ढोल बजाने के बावजूद कार्य पूर्ण नहीं होने पर शिक्षा निदेशक ने इसे गंभीरता से लिया है। वहीं शिक्षा विभाग ने अन्य कार्यों का हवाला देते हुए अपार आईडी पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसके लिए विभाग ने हाउस-होल्ड सर्वे कार्य में व्यस्तता की आड़ ली है। हालांकि अब तक की विभागीय समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा निदेशक की ओर से की गई प्रदेश की प्रगति अपेक्षानुरूप नहीं रहने पर असंतोष जताया है।
प्रदेश में अपार आईडी निर्माण की गति अपेक्षा काफी लचर रही है। हालांकि यह कार्य एक जुलाई को स्कूलें खुलने के साथ पुन: शुरू किया जाएगा। प्रदेश में करीब 1 लाख 8 हजार 200 स्कूल संचालित है। इनमें 1 करोड़ 62 लाख 80 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत है। इनमें से अब तक 1 करोड़ 3 लाख 80 हजार विद्यार्थियों की ही अपार आईडी बन पाई है। ऐसे में प्रदेश में अब तक कुल 64 प्रतिशत ही अपार आईडी बन पाई है।
अपार आईडी क्या है..!
भारत सरकार की ओर से प्रत्येक विद्यार्थियों को 12 अंकों का एक यूनिक नंबर जारी किया जा रहा है। अपार आईडी में विद्यार्थियों की पढाई से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध रहेगी। इसमें मासिक, त्रैमासिक, छह माही और वार्षिक परीक्षाओं के परिणाम पीटीएम उपस्थिति सहित जानकारी रहेगी।
फर्जीवाड़े पर अब कसेगी नकेल
अपार आईडी में पूरा रिकॉर्ड होने से अब फर्जीवाड़े की संभावनाएं समाप्त हो जाएगी। अपार आईडी बनने के बाद कोई भी फर्जी दस्तावेज नहीं बनवा पाएंगे। या कोई भी कोंचिग संस्थान किसी भी विद्यार्थी को फर्जी डिग्री नहीं दे सकेगा। अपार आईडी के माध्यम से नियोक्ता एक क्लिक में उम्मीदवार की शिक्षा संबंधी पूरी कुंडली खंगाल सकेंगे। साथ ही कई बार विद्यार्थियों के शैक्षणिक दस्तावेज खो जाते हैं। ऐसे में डुप्लीकेट दस्तावेज बनवाने में भी परेशानी नहीं होगी।
फिलहाल अपार आईडी का काम बंद
स्कूलों में ग्रीष्मावकाश के कारण फिलहाल अपार आईडी का काम बंद है। स्कूल खुलने के बाद ही काम शुरू होगा। फिलहाल नामांकन बढोतरी के कार्य में शिक्षक व्यस्त हैं।
- डॉ. रामेश्वर प्रसाद जीनगर, एडीपीसी
भीलवाड़ा की फेक्ट फाइल