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आचार्य ने देखी हरणी महादेव की पहाड़ी

प्रवचन में जैन दर्शन के तीन आयाम समझाए

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आचार्य ने देखी हरणी महादेव की पहाड़ी

आचार्य ने देखी हरणी महादेव की पहाड़ी

भीलवाड़ा।
आचार्य महाश्रमण बुधवार सुबह सात बजे आदित्य विहार से पैदल जमुना विहार से होते हरणी महादेव की पहाड़ी पहुंचे। करीब एक घंटे क्षेत्र का भ्रमण कर आदित्य विहार लौटे। सुबह की सैर पर निकले लोगों ने आचार्य के दर्शन किए। अन्य मुनि भी साथ थे। बाहर से आए श्रावकों ने आचार्य व अन्य मुनियों के दर्शन किए।
आचार्य महाश्रमण चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति अध्यक्ष प्रकाश सुतरिया ने बताया कि आचार्य के दर्शन के लिए सुबह से देर शाम तक श्रद्धालु आते रहते हैं। सभागार में श्रावकों को ज्यादा देर नहीं रूकने दिया गया।
इधर, महाश्रमण सभागार में आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जैन दर्शन के मुख्यत: तीन आयाम है। आत्मवाद, कर्मवाद और लोकवाद। ये तीनों परस्पर संबंधित है। आत्मा के शाश्वत अस्तित्व को स्वीकारा है। आत्मा ही अपनी सुख दुख की कर्ता होती है। जो आत्मा राग-द्वेष से मुक्त हो जाती है वह फिर परम अवस्था को प्राप्त कर वन्दनीय बन जाती है। कर्मवाद के अनुसार पुण्य-पाप अपने होते है। कर्मो का फल व्यक्तिको स्वयं ही भोगना पड़ता है। हमारे जीवन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को कर्मवाद से आंका जा सकता है। आठ कर्मों के द्वारा ही जीवन में अनुकूलता.प्रतिकूलता होती रहती है। व्यक्ति को हमेशा गलत कार्यों से बचते हुए शुभ योग में रहने का प्रयास करना चाहिए। साधना में आगे बढ़कर हम अपनी आत्मा का कल्याण कर सकते है।
मुनि शांतिप्रिय, साध्वी सोमयशा ने भावनाएं व्यक्त की। टीपीण्फ उपाध्यक्ष पंकज ओस्तवाल, अशोक सिंघवी, नवीन बागरेचा, लक्ष्मीलाल गांधी, गौतम दुगड़, बलवंत रांका, विनोद पितलिया, अभिषेक कोठारी, विमल पितलिया, कुलदीप मारू, मनीषा हिरण, नीतू ओस्तवाल एवं हिरेन चोरडिया ने अपने विचार व्यक्त किए।
आचार्य भिक्षु का 296वां जन्मोत्सव
आषाढ़ शुक्ला त्रयोदशी (गुरुवार)को तेरापंथ के आचार्य भिक्षु का जन्मोत्सव एवं बोधि दिवस हर्षोल्लास से मनाया जाता है। विक्रम संवत 1783 में जोधपुर संभाग के कंटालिया ग्राम में आचार्य भिक्षु का जन्म हुआ। अध्यात्म जगत में क्रांति कर उन्होंने धर्म की नई अलख जगाई।
चतुर्दशी से चातुर्मास शुरू
आषाढ़ शुक्ला चतुर्दर्शी से आचार्य महाश्रमण का भीलवाड़ा चातुर्मास का प्रारंभ होगा। सन् 2010 में आचार्य बनने से लेकर अभी तक आचार्य ने सरदारशहर, केलवा, जसोल, लाडनूं, दिल्ली, नेपाल, गुवाहटी, कलकत्ता, चेन्नई, हैदराबाद में चातुर्मास किए है। केलवा के बाद मेवाड़ में आचार्य का दूसरा चातुर्मास है।
२५ को नागरिक अभिनन्दन
सुतरिया ने बताया कि २५ जुलाई को आचार्य महाश्रमण का नागरिक अभिनन्दन किया जाएगा। इसे लेकर सभी समाज से भी चर्चा की जा रही है। तेरापंथ नगर में १० एलईडी व जगह-जगह माइक व स्पीकर लगाए जा रहे हैं।
कोरोना जांच
प्रवास व्यवस्था समिति के मेडिकलसंयोजक गौतम दुगड़ ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम चातुर्मास प्रवास स्थल पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं का आरटीपीसीआर नियमित कर रही है। रिपोर्ट आने तक होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दे रहे हैं।
अमलप्रज्ञा समणी नियोजिका नियुक्त
आचार्य महाश्रमण ने बुधवार को समणी अमलप्रज्ञा (पाली) को समणी नियोजिका के पद पर नियुक्त किया है।