
Alert released for farmers in bhilwara
भीलवाड़ा।
जिले में इस वर्ष भी पीलिया रोग कही खरीफ की फसल को खतरे में नहीं डाल देे, इसके लिए बारानी कृषि अनुसंधान केन्द्र ने किसानों के लिए अलर्ट जारी किया है। केन्द्र ने उड़द, सोयाबीन में पीलिया रोग की रोकथाम के उपाय भी सुझाए है।
जिले में किसान खरीफ फसलों की बुवाई में जुट गए है। किसान मक्का, मूंगफ ली, सोयाबीन, उड़द, मूंग, तिल एवं कपास की बुवाई का रहे हैं। जिले में गत 4 वर्ष से उड़द एवं सोयाबीन फ सलों में पीलिया रोग से किसानों को बहुत नुकसान हुआ था। जिले में कहीं-कहीं पर 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान का आंकलन उड़द फ सल में देखा गया है।
तना मक्खी कीट पहुंचा सकता नुकसान
बारानी कृषि अनुसंधान केन्द्र आरजिया के प्रोफेसर डॉ. ललित छाता ने बताया कि उड़द एवं सोयाबीन में तना मक्खी कीट फ सल उगने के 10-12 दिन बाद तने में प्रवेश कर पौधे के जाइलम एवं फ्लोएम उतको को नुकसान पहुंचा कर पौधों को कमजोर कर देते है, जिसके फ लस्वरूप पौधा कमजोर होकर पत्तियों पर पीलेपन का असर देखा जा सकता है एवं उड़द के पौधों पर फ लियां भी नहीं बनती है एवं दाने भी नहीं बनते है।
यूं करें बचाव
इस खरीफ में उड़द एवं सोयाबीन की बुवाई करने वाले किसान पीलिया रोग से बचाव के लिए बुवाई से पहले फोरेट 2.5 किग्रा प्रति बीघा की दर से खेत तैयार करते समय खेत में ही मिला दें। उड़द के बीज को इमिडाक्लोरप्रिड कीटनाशी से 2.5 एम.एल/प्रति किलो बीज की दर से बीज उपचार करें। फ सल की 15 दिन की अवस्था पर इमिडाक्लोरप्रिड 0.5 एम.एल./लीटर पानी में घोलकर नव अंकुरित उड़द की फ सल पर छिड़काव करें।
Published on:
03 Jul 2018 09:13 am
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