
Jain monk Pragya Sagar Maharaj makes an auspicious entry into Jahazpur.
जैन मुनि प्रज्ञा सागर का शुक्रवार को जहाजपुर कस्बे में भव्य शोभायात्रा के साथ मंगल प्रवेश हुआ। कोटा से 14 दिसंबर को रवाना हुई जिनधर्म प्रभावना पदयात्रा के तहत छह दिन की यात्रा पूर्ण कर शुक्रवार को जहाजपुर पहुंचे। दोपहर को नौ चौक में स्वस्ति भूषण माता की अगवानी के साथ मुनि का स्वागत किया। नौ चौक से प्रारंभ हुई शोभायात्रा मुख्य मार्गों से होती हुई जहाजपुर बस स्टैंड पहुंची। यात्रा के दौरान नगरवासियों ने पुष्पवर्षा कर मुनि की अगवानी की। शोभायात्रा बस स्टैंड से नगर पालिका रोड होते हुए स्वस्ति धाम पहुंची, जहां आरती व पाद प्रक्षालन किया। इसके पश्चात शोभायात्रा धर्मसभा में परिवर्तित हो गई।
जैन मुनि प्रज्ञा सागर ने कहा कि जीवन में विकास के लिए विनोद का अमृत आवश्यक है। जब प्रतिकूल परिस्थितियां सामने आएं तो घबराने के बजाय साहस और धैर्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए। जो व्यक्ति कठिन समय में भी मुस्कुराना सीख लेता है, वही जीवन में प्रगति करता है। उन्होंने कहा कि यदि पिता कभी कठोर शब्द कह दें तो उससे मन में कटुता नहीं लानी चाहिए। भगवान राम ने जीवन में अनेक कष्ट सहे, लेकिन कभी पिता के प्रति नकारात्मक भाव नहीं आने दिए। मुनि ने कहा कि जीवन क्षणभंगुर है, कब किस पल जीवनरूपी माला टूट जाए, कहा नहीं जा सकता। ऐसे छोटे से जीवन में द्वेष और घृणा क्यों पालें। इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से आए धर्मानुयायी, धर्म प्रभावना कमेटी के सदस्य एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। शनिवार को जयपुर व अन्य स्थानों से बसों के माध्यम से श्रावक आएंगे। जयपुर जैन समाज के लोग श्रीफल चढ़ाकर जयपुर में चातुर्मास के लिए विनति करेंगे।
Published on:
20 Dec 2025 09:04 am
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