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Bhilwara news : दुर्गाष्टमी की पूजा कल , नवमी-दशहरा अगले दिन

सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग में शुक्रवार को अष्टमी का पूजन होगा।

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Durgashtami puja tomorrow, Navami-Dussehra the next day

Durgashtami puja tomorrow, Navami-Dussehra the next day

Bhilwara news : सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग में शुक्रवार को अष्टमी का पूजन होगा। ज्योतिषविदों के अनुसार अष्टमी तिथि गुरुवार दोपहर 12.32 बजे से शुरू होकर शुक्रवार दोपहर 12.07 बजे तक रहेगी। उदियात तिथि में अष्टमी तिथि होने से दुर्गापूजा और दुर्गाष्टमी का पूजन शुक्रवार को होगा। दोपहर 12.07 बजे नवमी तिथि शुरू होगी जो शनिवार सुबह 10.59 बजे तक रहेगी। इस मौके पर नवदुर्गा का रूप मानकर कन्याओं का आर्शीवाद, पाद प्रक्षालन कर मान मनुहार करते हुए शहरवासी नजर आएंगे। नवमी व दशहरा पर्व एक साथ 12 अक्टूबर को होगा।

नवरात्र के आठवें और नवें दिन विशेष रूप से कन्या पूजन का विधान है। नवदुर्गा का रूप मानकर दस साल से कम उम्र की कन्याओं और बटुकों को भोजन, उपहार देना सुख समृद्धि और फलदायी माना गया है। यह दिन महागौरी और मां सिद्धिदात्री की उपासना का होता है, जिन्हें सौंदर्य, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। पंडितों के अनुसार नवरात्रि नौ की बजाय दस दिन के हैं। यह आमजन में प्रगति, खुशहाली समृद्धि का प्रतीक है। आगामी दिनों में हर राशि के जातकों को विशेष परिणाम मिलेंगे। जुहारों को माता रानी को अर्पण कर गल्ले और घर में रखें, ताकि सुख समृद्धि बनी रहे। खरीदारी के लिए अष्टमी और नवमी का दिन शुभ और चिरस्थायी है।

यह रहेगा पूजा का शुभ मुहुर्त

पंडित अशोक व्यास ने बताया कि दुर्गाष्टमी शुक्रवार को पूजी जाएगी। उसी दिन नवमी की पूजा भी होगी, लेकिन शनिवार सुबह 11 बजे तक नवमी तिथि होने से शनिवार को भी नवमी की पूजा की जा सकती है।

शुक्रवार को दुर्गाष्टमी की पूजा चंचल, लाभ, अमृत वेला में सुबह 6:38 से 10:58 बजे तक तथा अभिजीत वेला दोपहर 12:01 से 01.51 बजे तक कर सकते है। शुक्रवार को ही दुर्गानवमी की पूजा अभिजीत वेला में दोपहर 12.01 से 12.47 बजे तक। शुभ वेला दोपहर 12.24 से 01:45 बजे तक। चंचल, गोधूलि वेला शाम 04.44 से 06.10 बजे तक पूजा की जा सकती है। व्यास ने बताया कि शनिवार 12 अक्टूबर को भी सुबह 11 बजे तक दुर्गानवमी रहेगी, लेकिन शुभ वेला में पूजा सुबह 8.05 से 09.31 बजे तक कर सकेंगे। उसके बाद दशहरा पर्व मनाया जाएगा।