
व्यस्ततम चौराहों में गिने जाने वाले बड़ला चौराहे से होकर रोजाना हजारों वाहन गुजरते है।
भीलवाड़ा।
चौराहे पर दिनभर श्रमिकों का मेला। उसके आसपास अतिक्रमणकारियों की भरमार। हालात यह कि वाहन से गुजरना दूर पैदल तक ठीक से नहीं चल पा रहे। एेसे में हर पाल दुर्घटना का अंदेशा। कुछ इसी तरह के हालात है शहर के बड़ला चौराहे के। व्यस्ततम चौराहों में गिने जाने वाले बड़ला चौराहे से होकर रोजाना हजारों वाहन गुजरते है। लेकिन यहां सुरक्षा का बंदोबस्त ना के बराबर है। कहने को आसपास सड़कें चौड़ी है। लेकिन चौराहा आकर सिकुड़ जाती है। यहां से गुजरने में थोड़ी सी चूक अस्पताल पहुंचा सकती है।
Campaign: इस जंक्शन पर बजती है खतरे की घंटी
भोर होते ही हाथों में टिफिन लेकर मकान निर्माण में लगे श्रमिक वहां पहुंचते है। सुबह आठ बजे तक स्थिति यह हो जाती है। चौराहे पर किसी मेला जैसे माहौल से कम नहीं होता। रोजी-रोटी की तलाश में पहुंचते श्रमिकों को भीड़ के कारण यातायात व्यवस्था डगमगा जाती है। पुरुष ही नहीं महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंचती है। सड़क पर बैठे रहने से आवागमन बाधित होता है। इसके अलावा चौराहे पर अवैध रूप से लगी केबिनों की भरमार है।
कई कॉलोनियों का समागम, दिनभर दबाव
बड़ला चौराहा कई कॉलोनियों का समागम है। शास्त्रीनगर, जमना विहार, हरणी महादेव रोड, हनुमान कॉलोनी, भवानीनगर, मोहम्मदी कॉलोनी, भोपालपुरा, वैभवनगर, पंचवटी, मेन सेक्टर, कांवाखेड़ा, तेजाजी चौक, तिलकनगर, हलेड़ रोड समेत कई कॉलोनियों में जाने के लिए यहां से होकर गुजरते है।
न सर्कि ल बना और न खड़े पुलिस जवान
चौराहे पर यातायात का दबाव अधिक होने के बावजूद सर्किल नहीं बना है। न ही यातायात पुलिस की तैनाती होती है। रेत से भरे टै्रक्टर, पानी के टैंकर भी यहीं खड़े होते है। इससे भी भारी परेशानी खड़ी हो रही है। लोग व्यवस्था में सुधार के लिए कई बार मांग कर चुके है। लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा।
Published on:
06 Dec 2017 09:40 am
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