
मनमर्जी की ड्राइव से अजमेर चौराहा- रोडवेज बस स्टैंड मार्ग के मध्य स्थित जेल चौराहा दुर्घटनाओं का गढ़ बन गया
भीलवाड़ा।
कौन कब कहां से आ जाए और निकल जाए, ये पता नहीं है। अधिकांश चालकों की इसी मनमर्जी की ड्राइव से अजमेर चौराहा- रोडवेज बस स्टैंड मार्ग के मध्य स्थित जेल चौराहा दुर्घटनाओं का गढ़ बन गया। है। यहां एक जरा सी चूक से गत तीन वर्ष में दस से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इनमें एक दम्पती व मामा-भांजा भी शामिल है।
Campaign: खतरे का तिराहा, ठगा सा महसूस करता आमजन
शहर के प्रमुख चौराहा में जेल चौराहा का नाम शुमार है, हालांकि नगर विकास न्यास ने इस चौराहे का नाम परशुराम सर्किल के रूप में करते हुए यहां नया लुक देने का प्रयास किया है, लेकिन यहां मुख्य समस्या यातायात व्यवस्था का व्यवस्थित नहीं होना है। इस चौराहा से सुभाषनगर, रमेशचन्द्र व्यासनगर, आरके कॉलोनी, मलाण, रमा विहार कॉलोनी के मार्ग जुड़े है।
इस चौराहे से अजमेर चौराहे से रोडवेज बस स्टैंड, किसान भवन, विद्युत भवन, कृषि उपज मंडी, दूरसंचार विभाग, विवेकान्द तरणताल की तरफ भी वाहनों की आवाजाही चौबीस घंटे रहती है। बाहरी कॉलोनियों से भी कलक्ट्रेट की तरफ जाना हो तो इसी चौराहे से लोग आते-जाते है। विभिन्न सरकारी विभाग, अजमेर डिस्कॉम व कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय है। इसी प्रकार रोडवेज व निजी बसों की आवाजाही भी लगातार रहती है। सर्किल पर अघोषित रूप से टैक्सी स्टैंड है। जहां वाहन बेतरतीब तरीके से खड़े रहते हे। ट्रैफिक पुलिस कर्मी की तैनाती नहीं होने से व्यवस्था डांवाडोल है।
चूकते ही हुए शिकार
आरके कॉलोनी की तरफ आने व जाने वाले वाहन चालकों को यहां सर्वाधिक सावधानी बरतनी पड़ती है। चौराहा पर चारों दिशाओं से आने वाले कई वाहनों की गति बेलगाम है। कई चालक अपनी मनमर्जी से अंधाधुंध वाहन चलाते है। यहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरूरत है।
लगनी चाहिए ट्रैफिक लाइट
पुलिस प्रशासन ट्रैफिक लाइट लगा कर कर्मी की तैनाती करें, मात्र सर्किल का सौंदर्यकरण करने से दुर्घटनाओं पर अंकुश संभव नहीं है। इसके लिए यहां किसी संस्था को ये चौराहा गोद देकर पुलिस प्रशासन के सहयोग की जरूरत है।
प्रदीप टेलर, मोबाइल व्यवसायी
Published on:
08 Dec 2017 11:56 am
बड़ी खबरें
View Allभीलवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
