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बड़ी जीत : भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज को मिली मान्यता, हर साल तैयार होंगे सौ डॉक्टर

मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर मुहर लगा दी

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एक वर्ष के इंतजार के बाद आखिर मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर मुहर लगा दी

भीलवाड़ा।
एक वर्ष के इंतजार के बाद आखिर मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर मुहर लगा दी। इसके साथ ही वस्त्रनगरी में मेडिकल की पढाई अगस्त से शुरू होने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया। पहले शिक्षा सत्र में कॉलेज प्रबंधन ने 100 विद्यार्थियों को प्रवेश देने की तैयारी कर ली है, इसके लिए नीट को भी काउंसलिंग के लिए भीलवाड़ा कॉलेज का नाम पंजीकृत करने के प्रस्ताव भी भिजवाए जा रहे हैं।

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सांगानेर में करोड़ों की लागत से एक वर्ष पूर्व भव्य भवन का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बावजूद राजकीय मेडिकल कॉलेज की मान्यता अधर में थी, एमसीआई की ओर से पहले किए गए निरीक्षण के दौरान उभरी खामियों के तय मापदंड के अनुरूप दुरस्त नहीं किए जाने से वर्ष 2017 में मेडिकल कॉलेज में पढाई नहीं शुरू हो सकी। कॉलेज का नाम पूर्व राजमाता विजयाराजे सिंधिया के नाम पर होगा। इस वर्ष मान्यता मिलने में कोई कमी ना रह जाए।

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इसके लिए कॉलेज प्राचार्य प्रो. डॉ राजेश पाठक अपनी टीम के साथ जयपुर से लेकर दिल्ली तक डेरा डाले रहे, दूसरी तरफ निर्माण एजेंसी राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी) के परियोजना निदेशक डॉ. अनिल माथुर व सहायक अभियंता राजकुमार शर्मा की अगुवाई में टीम भवन निर्माण को भव्यता देने में जुटी रही। आखिर कार २७ अपे्रल को मेडिकल कॉलेज की मान्यता के बीच आ रही सभी अड़चनें दूर हो गई।


फैकल्टी पूरी, फर्नीचर भी आए
मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई तय समय में शुरू हो सके, इसके लिए सरकार ने यहां ६० चिकित्सकों की नियुक्ति प्रथम चरण में कर दी थी। इसी प्रकार यहां फर्नीचर व लैब के अत्याधुनिक उपकरण भी उपलब्ध करा दिए गए। इंफास्ट्रक्चर में कमी ना रह जाए। इसके लिए भी विशेष अधिकार प्राचार्य डॉ. पाठक को दिए गए।