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Bhilwara news : 28 साल बाद संयोग, बाघ पर सवार होगी मकर संक्रांति

संक्रांति को अपराह्न 3.17 बजे से पुण्यकाल में गंगा स्नान का विशेष महत्व

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Coincidence after 28 years, Makar Sankranti will be on a tiger

Coincidence after 28 years, Makar Sankranti will be on a tiger

Bhilwara news : इस साल संक्रांति का 28 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है, जब शनि और शुक्र ग्रह एक ही राशि में होंगे।इस बार संक्रांति बाघ पर सवार होगी। ज्योतिषियों ने इसे विशेष संयोग बताया है।

संक्रांति को अपराह्न 3.17 बजे से पुण्यकाल में गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति को लेकर बाजार में कई तरह की पतंगें आई है। इनकी बिक्री जोरों पर हो रही है। पंडित अशोक व्यास ने बताया कि मकर संक्रांति पीले वस्त्र धारण के साथ कुमकुम का लेप लगाया है।

यह वैभव और सुख-समृद्धि का प्रतीक है। साथ ही पश्चिमी दिशा में दृष्टि होने से सनातन धर्म और परंपराओं को बल मिलेगा। वहीं पीले वस्त्र धारण करने से सोना और पीतल की धातु की कीमत बढ़ेगी।

पुष्य नक्षत्र और स्वग्राही योग

संक्रांति को पुष्य नक्षत्र के साथ स्वग्राही योग बन रहा है। पुष्य नक्षत्र शुभ माना जाता है। संक्रांति के दिन दान और पूजा पाठ का महत्व और बढ़ेगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ मांगलिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ दिन होगा।

ये होंगे ज्योतिषीय प्रभाव...

मकर संक्रांति के दिन शुक्र और शनि ग्रह के एक ही राशि में होने से आर्थिक स्थिरता और व्यापार के साथ कृषि में उन्नति की संभावना है। सोने के साथ धातु के बाजार में उछाल आने के संकेत है।

संक्रांति का महत्व

यह दिन गंगा स्नान के साथ दान व सूर्य उपासना के लिए श्रेष्ठ है। तिल-गुड़ और अन्न और वस्त्र का दान किया जाता है। संक्रांति के दिन पवित्र नदियों पर स्नान का महत्व माना गया है। इस दिन श्रद्धालु गंगा के अलावा नदियों व सरोवरों में पवित्र स्नान के लिए जाते है।