Bhilwara news : माघ शुक्ल पूर्णिमा पर बुधवार को आस्था और परंपराओं का संगम हुआ। शहर समेत जिले में विभिन्न जगहों पर शुभ मुहूर्त में होलिका डांडा रोपने की परंपरा निभाई गई। डांडा रोपण पर मंदिरों में ठाकुरजी के सम्मुख फाग के गीत सुनाए गए। अब एक माह बाद फाल्गुन शुक्ल की पूर्णिमा को होलिका दहन होगा। शहर के पुराने भीलवाड़ा समेत कई स्थानों पर होलिका दहन को लेकर डांडा रोपा गया। माघ पूर्णिमा के साथ फाल्गुनी माहौल शहर में रौनक बढ़ाएगा। होली के डांडा रोपण के साथ होली महोत्सव की शुरुआत हुई। माघ पूर्णिमा पर बीगोद के निकट त्रिवेणी नदी में श्रद्धालुओं ने आस्था की डूबकी लगाई। दिनभर यहां भक्तों का तांता लगा रहा।
श्रद्धालुओं ने शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर अभिषेक किया। फाल्गुन की शुरुआत के साथ ही फागोत्सव की धूम रहेगी। विभिन्न मंदिरों में शेखावाटी के कलाकार भजनों के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। भगवान के शृंगार और भोग में भी परिवर्तन होगा। पं. अशोक व्यास ने बताया कि जिस स्थान पर होलिका दहन होता है, वहां परंपरागत रूप से 7-8 फीट ऊंचा डांडा रोपा जाता है। यह डांडा भक्त प्रहलाद का प्रतीक होता है, जिसे होलिका दहन से ठीक पहले सुरक्षित निकाल लिया जाता है।