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Bhilwara news : राम नवमी कल: बन रहा रवि पुष्य नक्षत्र का योग, खरीदारी का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

- चैत्र नवरात्र का अंतिम दिन होगी खरीदारी - घर-घर आज पूजी जाएगी दिहाड़ी माता

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Ram Navami tomorrow: The combination of Ravi Pushya Nakshatra is forming, best time to shop

Ram Navami tomorrow: The combination of Ravi Pushya Nakshatra is forming, best time to shop

Bhilwara news : नवरात्र का समापन अष्टमी व नवमी को होगा। चैत्र नवरात्र की नवमी को रामनवमी के रूप में मनाया जाएगा। मलमास के चलते इन दिनों शुभ व मांगलिक कार्यों पर विराम है, लेकिन अष्टमी व नवमी पर विशेष योग बन रहे हैं, इन योगों में खरीदारी करना शुभ माना है। रामनवमी रविवार को होने के कारण रवि पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। रामनवमी पर शादी-ब्याह का अबूझ सावा रहेगा। रवि पुष्य नक्षत्र में होनी वाली खरीदारी को लेकर आभूषण, गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, बर्तन सहित अन्य सामानों की खूब बिक्री होगी। इसको लेकर व्यापारियों के चेहरे खिले हैं। उधर, शनिवार को घर-घर दिहाड़ी माता पूजी जाएगी।

14 को समाप्त होगा मलमास

पिछले माह सूर्य के कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करने के साथ मलमास प्रारंभ हुआ था। इसका समापन 14 अप्रेल को होगा। एक माह के इंतजार के बाद से शुभ व मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। वर व वधू की शादी की खरीदारी होगी। अप्रेल माह में करीब एक दर्जन से ज्यादा सावे हैं। इसके चलते मैरिज होम, धर्मशालाएं एडवांस बुक हो चुकी हैं। पंडित अशोक व्यास ने बताया कि रामनवमी पर रवि पुष्य योग बन रहा है। इसमें सोना चांदी, वाहन आदि की खरीदारी की जा सकती है। यह बहुत ही शुभ मुहूर्त है। साल में दो बार ही इस तरह का मुहूर्त बनता है। 14 अप्रेल को शुक्र मीन राशि में गोचर करेंगे। वैवाहिक कार्य भी शुरू कर दिए जाएंगे।

30 अप्रेल को रहेगा आखातीज का अबूझ सावा

अप्रेल माह में 30 अप्रेल को आखातीज का सावा रहेगा। 6 अप्रेल के बाद 7, 9, 14, 16, 18, 19 व 30 को तथा मई माह में 1, 7, 8, 28 व 29 तारीख को विवाह आदि के शुभ मुहूर्त रहेंगे। जून में केवल आठ तारीख को शुभ मुहूर्त रहेगा। मुंडन संस्कार के लिए अप्रेल में 14, 24 और मई माह में एक व 3 तारीख को मुहूर्त है। आठ जून के बाद गुरु का वार्धक्य दोष एवं गुरु के अस्त होने से विवाह आदि नहीं हो सकेंगे। फिर 16 नवंबर से विवाह कार्य पुन: शुरू होंगे 16, 22, 23, 25, 30 नवंबर और दिसंबर में केवल चार दिसंबर को मुहूर्त है।