
Recruitment for only 88 posts, yet 95 percent of the posts will remain vacant
Bhilwara news : राज्य सरकार ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती में सामाजिक विज्ञान (एसएसटी) में महज 88 पदों पर भर्ती निकाली है। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा पद इसी विषय के खाली हैं। ऐसे में गांवों में पढ़ने वाले बच्चों को इस साल भी पूरे शिक्षक नहीं मिलेंगे। उनको पढाई के लिए निजी स्कूल में जाना पड़ेगा।
आरपीएससी ने वरिष्ठ अध्यापकों के कुल 2129 पदों की भर्ती निकाली है। आवेदन की अंतिम तारीख 24 जनवरी है। राज्य सरकार व्याख्याता व वरिष्ठ अध्यापक दोनों पदों पर कुल 4331 शिक्षकों की नियुक्त करेगी। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वर्तमान में ही इनके 52 हजार पद खाली हैं। उसमें भी यदि पिछले चार सत्र की बकाया डीपीसी से खाली होने वाले वरिष्ठ अध्यापकों व पिछली सरकार में क्रमोन्नत हुई स्कूलों के व्याख्याताओं के खाली पद और जोड़ दें तो आंकड़ा करीब एक लाख हो जाएगा। ऐसे में ये भर्ती पांच फीसदी खाली पदों को भी नहीं भर पाएगी। बेरोजगार अभ्यर्थियों ने पदों को बढ़ाने की मांग की है।
यों समझें खाली पदों का हिसाब
प्रदेश में वर्तमान में वरिष्ठ अध्यापकों के 34 हजार व व्याख्याताओं के 18 हजार पद खाली हैं। इस बीच वरिष्ठ अध्यापकों की चार सत्र की पदोन्नति लंबित है। इसके होने पर प्रदेश में करीब 20 हजार पद और खाली होकर वरिष्ठ शिक्षकों के कुल करीब 54 हजार पद खाली हो जाएंगे। उधर, पिछली कांग्रेस सरकार में क्रमोन्नत पांच हजार स्कूलों में व्याख्याताओं के पदों की वित्तीय स्वीकृति लंबित है। ये होने पर व्याख्याताओं के कुल खाली पद भी 34 हजार हो जाएंगे। व्याख्याताओं व उप प्राचार्य की डीपीसी से होने वाले खाली पदों को भी जोड़ लें तो आगामी समय में दोनों पदों के करीब एक लाख पद खाली हो जाएंगे।
भर्ती का गणित
सरकारी स्कूलों में खाली पदों की एवज में सरकार ने वरिष्ठ शिक्षकों व व्याख्याताओं के 4331 पदों पर ही भर्ती निकाली है। इनमें वरिष्ठ शिक्षकों के 2129 व व्याख्याताओं के 2202 पदों की भर्ती प्रक्रिया शामिल है।
सबसे छोटी भर्ती
स्कूल व्याख्याता की प्रदेश में ये 12 साल में सबसे छोटी भर्ती भी है। इससे पहले 2013 में प्रदेश में 4,010, 2015 में 13,098, 2018 में 5 हजार व 2022 में 6 हजार पदों पर भर्ती हुई थी।
पद रिक्त होंगे
शिक्षक नेता नीरज शर्मा ने कहा कि प्रदेश की 19 हज़ार सीनियर सैकंडरी स्कूलों में पदोन्नति के पश्चात एक लाख पद रिक्त हो जाएंगे। नई भर्ती के नाम पर सरकार सिर्फ़ खानापूर्ति कर रही है। भविष्य के लिए संविदा भर्ती की आशंका लग रही है, जो शिक्षा को निजीकरण की ओर ले जाएगी।
Published on:
07 Jan 2025 10:58 am
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