
Ten characteristic festivals of Digambar Jain society
Bhilwara news: दिगम्बर जैन समाज के दस लक्षण पर्व की भक्तिमय शुरूआत रविवार को उत्तम क्षमा धर्म की आराधना के साथ हुई। भीलवाड़ा के 18 दिगम्बर जैन मंदिरों में सुबह 5,30 बजे से श्रावकश्राविकों के समूह उमड़ पड़े। अभिषेक, शांतिधारा के बाद सभी मंदिरों में संगीतमय पूजन की गई।
आरके कॉलोनी स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष नरेश गोधा ने बताया कि 300 से अधिक श्रावकों ने पंक्ति बद होकर मूलनायक आदिनाथ भगवान एवं अन्य जिन प्रतिमाओं का अभिषेक किया। ओमचंद रिखबचंद ने सौधर्म इंद्र बन कर रत्नवर्ष्टि करते हुए स्वर्ण मुकुट धारण कर 108 रिद्धि मंत्र से अभिषेक व स्वर्ण झारी से शांतिधारा की। इसके अलावा अन्य प्रतिमाओं पर अजित अग्रवाल, सुभाष सेठी, सनत अजमेरा, विनोद फँदोत, अशोक बड़जात्या, भागचंद कासलीवाल, आत्म प्रकाश लुहाड़िया, विशाल जैन, कमल पाटनी, खेमराज कोठारी ने शांतिधारा की।
ललितपुर से आए श्रमण संस्कृति जयपुर के विद्वान पंडित आलोक मोदी के निर्देशन में सामूहिक पूजन में देव शास्त्र गुरु, आदिनाथ भगवान, सोलह कारण, पंच मेरु पूजन किया। पूनम कोठारी व वीणा मंगल के भजनों पर नृत्य करते हुए दस लक्षण धर्म एवं उत्तम धर्म की पूसा की। सुरेंद्र गोधा ने सहयोग किया।
चैन सुख शाह के बताया कि दोपहर में 3 बजे से गोम्मटसार पर अध्ययन, शाम 6,15 बजे सामुहिक प्रतिक्रमण, 6,45 से आरती, भक्ताम्बर आरती के बाद पंडित आलोक मोदी के उत्तम धर्म पर प्रवचन हुए।
Published on:
08 Sept 2024 01:00 pm
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