
case of innocent fired hot bars in bhilwara
भीलवाड़ा।
मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में भर्ती डाम पीडि़त मासूम की हालत में अब सुधार है। हालांकि दूसरे दिन भी उसे ऑक्सीजन पर रखा गया। करेड़ा पुलिस ने बिना नम्बरी एफआईआर काटते हुए देवगढ़ थाने भिजवा दी। उसका बुखार भी कम हुआ है। उसे अभी ऑक्सीजन पर ही रखा गया है। इस मामले मेें चाइल्स स्पेशलिस्ट ने बच्चों को बीमार होने पर भोपों के पास ले जाने के बजाए चिकित्सालय लाने की अपील की है। उनाली का बाडि़या निवासी नारायण लाल लुहार के एक वर्षीय पुत्र शानू की बुधवार को उपचार के नाम पर गांव में एक भोपे के गरम तार से डाम लागने से हालत बिगड़ गई थी। गंभीर हालत में उसे शुक्रवार को यहां चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। डॉ. सरिता काबरा ने बताया कि शानू की तबीयत में अब सुधार है।
उसका बुखार भी कम हुआ है। उसे अभी ऑक्सीजन पर ही रखा गया है। दूसरी तरफ घटना की जानकारी मिलने पर करेड़ा पुलिस भी अस्पताल पहुंची और शानू के पिता नारायण व मां धापू के बयान दर्ज किए। उनाली का बाडि़या का थाना हलका राजसमंद जिले के देवगढ़ पुलिस थाना होने से पुलिस ने बिना नम्बरी एफआईआर काटते हुए वहां भिजवा दी।
बच्चों को बीमार होने पर भोपों के पास ले जाने के बजाए चिकित्सालय लाएं
चाइल्स स्पेशलिस्ट डॉ सरिता काबरा ने बताया कि बच्चे की हालत में सुधार है। उन्होंने अपील की है कि ग्रामीणों बच्चों को बीमार होने पर भोपों के पास ले जाने के बजाए चिकित्सालय लाएं ताकि उनका सही ढंग से इलाज हो पाए। कई बार बच्चों को अंधविश्वास के चलते परिजन धार्मिक स्थलों पर ले जाते है। भोपों से उपचार करवाते हैं, फिर ज्यादा तबियत बिगड़ने पर चिकित्सालय लाते हैं।
Published on:
09 Jun 2018 09:13 pm
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