भीलवाड़ा. मौसम में बदलाव का सेहत पर विपरीत असर पड़ रहा है। इससे महात्मा गांधी चिकित्सालय व निजी अस्पतालों में बडी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं।
भीलवाड़ा. मौसम में बदलाव का सेहत पर विपरीत असर पड़ रहा है। इससे महात्मा गांधी चिकित्सालय व निजी अस्पतालों में बडी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। बदलते मौसम के चलते सर्दी-बुखार, उल्टी-दस्त के मरीज ज्यादा सामने आ रहे हैं। एमजीएच में जनवरी तक ओपीडी करीब 2000 थी, लेकिन फरवरी के पहले सप्ताह से प्रतिदिन 2500 से 3000 ओपीडी हो गई। इनमें 500 से 600 मरीज केवल सर्दी-बुखार, खांसी, बदन दर्द के पहुंच रहे हैं।
फरवरी में पारा चढ़ने लगा। सुबह व देर रात को छोड़कर गर्मी महसूस होने लगी है। दोपहर में सूरज तेवर दिखाने लगा है। एमजीएच के डॉ. रामावतार बैरवा ने बताया कि सर्द-गर्म मौसम के हिसाब से लोग खुद को ढाल नहीं पा रहे हैं। ऐसे मौसम में इंफेक्शन लगातार बढ़ता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है। लोगों को सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं। पिछले दिनों जनवरी में हुई बूंदाबांदी के बाद अब फरवरी के शुरू से सुबह व रात को सर्दी व दिन में तेज गर्मी से बीमारी की आशंका बढ़ जाती है। बुखार,खांसी, सर्दी जुकाम, बदन दर्द आदि बीमारियां मौसम के चलते बढ़ी है।
बदलते मौसम में ऐसे बचे
-ठंडा व बासी भोजन खाने से बचें। गर्म भोजन करना चाहिए।
-एसी रूम से एकदम न निकलें। पहले शरीर का तापमान सामान्य होने दें।
-बाहर की चीजें खाने से बचें। मरीज का रुमाल, टॉवेल, मोबाइल आदि उपयोग नहीं करें।
(जैसा आईएमए सचिव डॉ. हरीश मारू ने बताया)
इनका कहना है...
मौसम परिवर्तन के साथ मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। अभी वायरल चल रहा है। सर्दी-जुकाम के मरीजों काे मास्क लगाना चाहिए, ताकि दूसरा इन्फेक्शन से बच सकें। चिकित्सक के परामर्श से तुरंत इलाज कराएं।
डॉ. अरुण गौड़ अधीक्षक एमजीएच