अंतिम मौका, पर्यावरण स्वीकृति के लिए पेश किए गए थे सीया में आवेदन, 26 मई तक का समय शेष
प्रदेश के लीजधारकों व क्वारी लाइसेंस धारकों की ओर से पर्यावरण स्वीकृति के लिए राज्य स्तरीय एंवायरमेंटइंपेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (सीया) के यहां प्रस्तुत आवेदनों को खारिज कर दिया है। प्रदेश में ऐसे 226 खनन पट्टे हैं, जिनके आवेदन में कुछ न कुछ खामियां रही या फिर वन क्षेत्र में खान आ रही है। जिन खनन पट्टाधारकों व लीजधारकों ने अब तक सीया में आवेदन नहीं किए हैं उनके लिए भी अंतिम मौका दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने जिला स्तर से पर्यावरण स्वीकृतियां प्राप्त लीजधारकों व क्वारीलाइसेंसधारकों को राज्य स्तरीय समिति से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने की समय सीमा 26 मई तक का बढ़ा दी है।
खान एवं भू विज्ञान निदेशालय में पर्यावरण व विकास के अतिरिक्त निदेशक महेश माथुर ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला स्तर पर प्राप्त पर्यावरण स्वीकृति को सीया से पास कराने व पर्यावरण स्वीकृति के लिए आवेदन किए थे। इन आवेदनों में कई खामियां रहने से सीया ने निरस्त कर दिया। माथुर ने प्रदेश के सभी खनिज अभियंता व सहायक खनिज अभियंता को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्र की सभी 226 खदानों में तुरंत प्रभाव से खनन कार्य बंद करवा दें।
इनके आवेदन हुए खारिज
खारिज किए आवेदनों में सबसे अधिक 77 आवेदन राजसंमद जिले के हैं। इसके अलावा करौली 37, अलवर 27, बूंदी 22, भीलवाड़ा 14, उदयपुर 11, जयपुर व नागौर 5- 5, कोटा व दौसा 4-4, झुंझुनू, भरतपुर, सवाई माधोपुर व बांसवाड़ा 3- 3, धौलपुर-झालावाड़ 2-2, अजमेर, जोधपुर, बारां व सीकर में 1-1 लीज शामिल है। यह सभी 226 लीज धारक अब पुन: आवेदन नहीं कर सकेंगे।
2 दिसंबर के बाद के आवेदनों पर विचार नहीं
भीलवाड़ा की (डीईआईएए) जिला पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण ने 961 आवेदन को पास किया था। इनमें से 865 ने सीया से पर्यावरण स्वीकृति के लिए आवेदन किया। सीया ने 853 को स्वीकृति जारी की है। लेकिन 595 ने 2 दिसंबर 2024 तक ही पोर्टल पर फार्म 2 अपलोड किए थे। उसके बाद 18 मार्च तक कुल 145 अन्य खननधारकों ने आवेदन किए हैं। 2 दिसंबर के बाद किए गए आवेदनों पर अब तक सीया ने विचार नहीं किया है।