
City sanitation desecrated in bhilwara
भीलवाड़ा।
शहर में रविवार सुबह बरसात ने नगर परिषद की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी। अलसुबह बारिश से नालियों और नालों की सफाई नहीं होने से सड़क पर नाली का पानी आ गया। इससे सड़क पर गंदगी का ढेर लग गया। शहर के पेच एरिया, छीपा बिल्डिंग, महात्मा गांधी अस्पताल के बाहर, कॉलेज रोड समेत कई स्थानों पर नालियों का पानी आने से कीचड़ ही कीचड़ हो गया।
उधर, बरसात शुरू होते ही कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। बिजली गुल होने से डिस्कॉम की वर्षा पूर्व चलाए जाने वाले मेंटिनेंस अभियान की पोल सामने आ गई। निजी कम्पनी सिक्योर भी व्यवस्था सुधार नहीं पाई। शास्त्रीनगर में सुबह तीन घंटे बिजली बंद रही। दोपहर में भी बिजली की आंख मिचौली चली।
एनजीटी के आदेश हवा, तलई पहुंचे नाले
भीलवाड़ा. पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू की जनहित याचिका पर राष्ट्रीय हरित न्यायालय (एनजीटी) भोपाल के दिए निर्देश रविवार सुबह हवा हो गए। एनजीटी ने मल-मूत्र वाले नालों का पानी गांधीसागर, मानसरोवर व नेहरू तलाई में नहीं जाने देने की व्यवस्था करने को कहा था लेकिन रविवार की हल्की बरसात में नालों का गंदा पानी, प्लास्टिक व डिस्पोजल कचरे सहित उक्त तीनों तालाबों में चला गया।
जाजू ने बताया कि 5 मई को कलक्टर व नगर परिषद आयुक्त को बारिश से पहले नाले साफ कराने का पत्र लिखा था। फिर भी परिषद ने लापरवाही दिखाई व नाले साफ नहीं कराए। इससे तीनों झीलों में नालों का कचरायुक्त गंदा पानी चला गया।
Published on:
25 Jun 2018 02:11 pm
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