कोठारी नदी को प्रदूषण से बचाने की एनजीटी की कोशिश परआरयूआईडीपी का पलीता
भीलवाड़ा. आरयूआईडीपी कोठारी नदी में दूषित पानी को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। एनजीटी के आदेशों की पालना भी सरकार नहीं करवा पा रही है। 25 अगस्त के बाद सीवरेज के शेष घरेलू कनेक्शन जोड़ने के लिए अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक का समय दिया था। अब तक 25,100 कनेक्शन हो पाए हैं। अब भी 22,400 कनेक्शन बाकी हैं। हालांकि प्रतिदिन 200 कनेक्शन करने का दावा है। इस आधार पर भी शेष कनेक्शन में कम से कम पांच माह और लगेंगे।
एनजीटी के निर्देश पर स्वायत शासन सचिव ने अगस्त में भीलवाड़ा का दौरा किया। आरयूआईडीपी से शेष रहे 29 हजार कनेक्शन 45 दिन में करने के निर्देश दिए। हर सप्ताह की कार्ययोजना बनाई लेकिन पालना नहीं हो पा रही है। अधिकारियों ने एनजीटी में समय मांगा था। एनजीटी ने 17 व 18 अगस्त को कोठारी नदी के मामले में सुनवाई के दौरान अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। अधिकारी ने इस मामले की डे-टू-डे निगरानी होगी। लेकिन आरयूआईडीपी ने एनजीटी की राहत को तवज्जो नहीं दी।दिया।
इस तरह करने थे कनेक्शन
पिछले छह सप्ताह में 29044 कनेक्शन करने थे। इनमें सिन्धुनगर 1520, भोपालगंज 1400, चन्द्रशेखर आजादनगर 3500, आजाद नगर सेक्टर ए, बी, सी, डी, ई, ओ व क्यू में 10 हजार 390, गांधीनगर 1240 तथा गांधीसागर तालाब क्षेत्र के मंगल पांडे सर्कल, सोनी अस्पताल क्षेत्र के 10 हजार 994 कनेक्शन बाकी थी। इसमें भी अगस्त में 390, सितम्बर के प्रथम में 1220, दूसरे सप्ताह 1250, तीसरे सप्ताह 1350, चौथे सप्ताह 1540 अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में 1560 कनेक्शन जोड़ने का टाइम लाइन कार्यक्रम दिया। लेकिन 25 हजार 100 कनेक्शन ही पाए है। 22 हजार 400 कनेक्शन होने शेष है। इस कारण कोठारी नदी में 30 से 35 एमएलडी दूषित पानी जा रहा है।
मई में ही बंद कर दिया था कार्यालय
प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले ही आरयूआईडीपी ने अपना कार्यालय मई में बंद कर दिया था। उस समय 20 प्रतिशत काम भी नहीं हुआ था। गुणवत्ता पर भी किसी का ध्यान नहीं है। इसके कारण आए दिन सीवेरज को लेकर शिकायत मिल रही है।
प्रतिदिन 200 से अधिक कनेक्शन
पहले प्रतिदिन 40 से 50 कनेक्शन हो रहे थे, अब 200 से 220 कनेक्शन कर रहे हैं। टाइम दिया था, लेकिन त्योहारी सीजन के कारण काम गति नहीं पकड़ रहा है। शेष 22 हजार कनेक्शन को जल्द पूरा करेंगे।
रविन्द्र मीणा, अधिशासी अभियन्ता, आरयूआईडीपी