
Desolate pepper market in bhilwara
भीलवाड़ा।
गांधीनगर क्षेत्र को विकसित करने के लिए छह वर्ष पूर्व यूआईटी की तरफ से हुई तोडफ़ोड़ से उजड़ी भीलवाड़ा कपास मंडी (मिर्च मंडी) के दिन फिर से फिरेंगे । यूआईटी ने नए सिरे से मंडी को विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाई। इस कार्ययोजना को लेकर मंगलवार को मंडी प्रशासक ने यूआईटी व भीलवाड़ा कृषि उपज मंडी समिति के अधिकारियों के साथ बैठक की।
यूआईटी ने गांधी नगर क्षेत्र में सड़कों को चौड़ा करने और नई सड़के बनाने के लिए वर्ष 2012 में भीलवाड़ा कपास मंडी जो कि अब मिर्च मंडी के नाम से जानी जाती है में तोडफ़ोड़ की थी। यहां यूआईटी ने भीलवाड़ा कृषि उपज मंडी की अनुमति के बिना एक लिंक रोड मोक्षधाम के समीप बनवा दी।
समूचा मामला बाद में न्यायालय में जाने से मंडी का विकास अटक गया और ये लिंक रोड अब कही अधिक खस्ताहाल हो गई। यूआईटी ने मंडी का समूचित रूप से विकास करने की कार्ययोजना बाद में वर्ष 2013 में सरकार को भिजवाई, लेकिन न्यायालय में प्रकरण लम्बित होने से कार्ययोजना असरकारक साबित नहीं हुई। यूआईटी चैयरमेन गोपाल खण्डेलवाल ने फिर नए सिरे से पहल की और मंडी में संभावित विकास कार्यों के प्रस्ताव सरकार को भिजवाए।
इन प्रस्तावों को लेकर मंडी प्रशासन ने पहली बार सहमति जताई। इस पर मंडी के प्रशासक एडीएम सिटी राजेन्द्र सिंह कविया की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक हुई।
इसमें मंडी सचिव महिपाल सिंह ने प्रस्तावों में कुछ संशोधन के बाद उस पर कार्य संभव होने पर सहमति जताई। बैठक में न्यास के अधिशासी अभियंता के आर जीनगर व सहायक अभियंता रविश श्रीवास्तव ने बतायाकि न्यायालय में लम्बित प्रकरण का निस्तारण होने की स्थिति में यहां यूआईटी लिंक रोड को पेवर सड़क में तब्दील कर देगी, मंडी की चहारदीवारी बनाने के साथ यहां जनसुविधा जुटाएगी और नालियों की मरम्मत के साथ अन्य कार्य करवाएगी।
मंडी प्रशासक कविया ने बताया कि यूआईटी की तरफ से आए प्र्रस्तावों को मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भिजवाया जा रहा है। दूसरी तरफ चेयरमैन खण्डेलवाल ने बताया कि मंडी के प्रयासों से न्यायालय में लम्बित प्रकरण का निस्तारण कर लिया जाएगा। इसके बाद यूआईटी मंडी क्षेत्र को पूर्व में बोर्ड में लिए निर्णया के आधार पर विकसित करेगी।
Published on:
06 Jun 2018 02:28 pm
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