- अवैध खनन के लिए दौड़ रहे भारी वाहनों ने तोड़ डाली 9 किमी सड़क - दौलतगढ़ से आसीन्द सड़क बदहाल, इस मार्ग से रोजाना निकलते हैं 10 हजार वाहन
भीलवाडा. जिले का आसींद-दौलतगढ़ मार्ग बदहाल है। इसकी बड़ी वजह अवैध खनन के ओवरलोड वाहनों की ज्यादा आवाजाही है। राजस्थान का सबसे बड़ा डीएमएफटी फंड भी इस खस्ताहाल सड़क को सुधार नहीं पा रहा है। जिले में डीएमएफटी में सालाना 1400 करोड़ रुपए जमा है।
गत विधानसभा चुनाव के दौरान दौलतगढ़ से आसीन्द सडक मार्ग का निर्माण के वादे जनता से किए गए थे, लेकिन सड़क नहीं बनी। अब चार माह बाद फिर विधानसभा चुनाव है, लेकिन 9 किमी की सड़क पर सैकड़ों जख्म हैं। यह क्षेत्र खनन प्रभावित है। यहां अवैध खनन तेजी से बढ़ रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि भिंडर रामगढ़ स्टेट हाईवे का महाराजपुरा आसींद से दौलतगढ़ तक सड़क मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। बजट घोषणा के बाद भी हालात नहीं सुधरे। इस सड़क से गुजरने वाले हजारों लोग छह साल से हिचकोले खा रहे हैं। क्षेत्रवासी कई सालों से इस सड़क के निर्माण की मांग करते आ रहे हैं लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से सुनवाई नहीं हो रही।
खनिज क्षेत्र हैं दौलतगढ़ व आसीन्द
दौलतगढ़ व आसीन्द क्षेत्र में ग्रेनाइट की खदाने हैं, जिसकी क्वालिटी अन्य जिलों के मुकाबले बेहतर है। फेल्सपार व क्वाटर्स की खदानें भी है। यहां अवैध खनन व जीएसटी की चोरी भी हो रही है। प्रतिदिन 10 हजार से अधिक भारी वाहन निकलते हैं। सरकार को राजस्व के साथ डीएमएफटी फंड भी मिल रहा है, लेकिन डीएमएफटी से इस सड़क का निर्माण नहीं हो रहा है। हालांकि डीएमएफटी का मुख्य उदेश्य खनन प्रभावित क्षेत्र में सड़क निर्माण व अधिकाधिक पौधरोपण का है।
21 दिन तक दिया था धरना
क्षेत्रीय विधायक जब्बरसिंह सांखला ने इस सड़क के निर्माण का मुद्दा विधानसभा में उठाया। उपखण्ड कार्यालय के बाहर 21 दिन तक धरना दिया। कलक्टर की ओर से सड़क बनवाने का आश्वासन देने पर सांखला ने धरना समाप्त किया। लेकिन प्रशासन की ओर से इस सड़क के निर्माण को भुला दिया गया।
सीआरआईएफ को भेजा प्रस्ताव
सार्वजनिक निर्माण विभाग आसीन्द के सहायक अभियन्ता महेन्द्रसिंह का कहना है, इस सड़क का सीआरआईएफ में 9 करोड़ का प्रस्ताव भेज रखा है। डीएमएफटी में भी प्रशासनिक स्वीकृति ले रखी है, लेकिन वित्तिय स्वीकृति जारी नहीं हुई है। इस कारण काम अटका है।
प्रस्ताव भेज रखा है...
सीआरआईएफ में प्रस्ताव भेज रखा है। अभी स्वीकृति नहीं मिली है। डीएमएफटी में भी प्रस्ताव लिया था वह किस स्थिति में है यह देखकर बता सकता हूं।
आशीष मोदी, जिला कलक्टर भीलवाड़ा