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दिव्यांग बालिकाओं को मिलेगा आर्थिक संबल, शाला दर्पण पर 25 तक अपलोड होंगे प्रस्ताव

- क्रांतिकारी चारूचंद्र बोस पुरस्कार योजना लागू - कक्षा 1 से 12 तक अध्ययनरत पात्र छात्राओं को मिलेगी सहायता

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Disabled girls will get financial support, proposals will be uploaded on Shala Darpan till 25th.

Disabled girls will get financial support, proposals will be uploaded on Shala Darpan till 25th.

सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत दिव्यांग बालिकाओं को अब शिक्षा जारी रखने में आर्थिक बाधा नहीं आएगी। बालिका फाउंडेशन ने राज्यभर के विद्यालयों में क्रांतिकारी चारूचंद्र बोस आर्थिक सबलता पुरस्कार योजना लागू की है। इस योजना का उद्देश्य दिव्यांग छात्राओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना और उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है।

कक्षा 1 से 8 तक 2,000 व 9 से 12 तक 5000 रुपए सहायता

बालिका फाउंडेशन ने स्पष्ट किया है कि कक्षा 1 से 8 तक की पात्र दिव्यांग छात्राओं को 2,000 रुपए, कक्षा 9 से 12 तक की पात्र दिव्यांग छात्राओं को 5,000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

2 योजनाएं मर्ज कर बनी नई योजना

अब तक दिव्यांग बालिकाओं के लिए दो अलग-अलग सहायता योजनाएं संचालित थीं। शारीरिक अक्षमतायुक्त बालिकाओं के लिए आर्थिक सबलता पुरस्कार योजना तथा मूक-बधिर एवं नेत्रहीन बालिकाओं के लिए आर्थिक सबलता पुरस्कार योजना। इन दोनों योजनाओं को एकीकृत करते हुए अब क्रांतिकारी चारूचंद्र बोस आर्थिक सबलता पुरस्कार योजना के रूप में लागू किया गया है।

25 तक शाला दर्पण पर देनी होगी जानकारी

स्कूल स्तर पर आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। संस्था प्रधानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पात्र दिव्यांग बालिकाओं की जानकारी 25 नवंबर तक शाला दर्पण पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड करें। बालिकाओं का जन आधार प्रमाणित होना आवश्यक है, क्योंकि भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाएगा।

30 तक करेंगे सत्यापन

स्कूलों की ओर से अपलोड की गई जानकारी का सत्यापन संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) की ओर से 30 नवंबर तक किया जाएगा। सत्यापन पूर्ण होने के बाद पात्र बालिकाओं के खातों में सहायता राशि हस्तांतरित कर दी जाएगी।

शिक्षा विभाग ने स्कूलों को दिए निर्देश

सुवाणा के सीबीईओ रामेश्वर जीनगर ने बताया कि फाउंडेशन ने सभी विद्यालयों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि पात्रता जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो और शाला दर्पण पर जन आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए।