डीएमएफटी फंड का उपयोग शिक्षा, महिलाओं व बच्चों के कल्याण पर हो सकेगा। राज्य सरकार ने गत दिनों गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। शिक्षा के क्षेत्र में स्कूल, कॉलेज, व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान भवन, अतिरिक्त कक्षा कक्ष, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, कला एवं शिल्प कक्ष, शौचालय ब्लॉक, पेयजल प्रावधान, आवासीय विद्यालय, प्रभावित क्षेत्रों के छात्रों और दूरदराज के क्षेत्रों के शिक्षकों के लिए आवासीय छात्रावास, खेल अवसंरचना, शिक्षकों व अन्य सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति, ई-लर्निंग सेटअप, परिवहन सुविधा जैसे बस, वैन, साइकिल, रिक्शा आदि में उपयोग किया जा सकेगा। प्रभावित क्षेत्रों के छात्रों को उच्च शिक्षा के सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता भी दी जा सकेगी।महिलाओं व बच्चों के कल्याण के लिए कई कार्यक्रम होंगे। इसमें मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, कुपोषण, संक्रामक रोगों की समस्याओं के समाधान कार्यक्रम शामिल होंगे। वृद्ध और दिव्यांग लोगों के कल्याण के लिए विशेष कार्यक्रम और चिकित्सा सहायता एवं जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों को वित्तीय सहायता दी जाए सकेगी। कौशल विकास एवं आजीविका सृजन के तहत स्थानीय पात्र व्यक्तियों के लिए आजीविका सहायता, आय सृजन एवं आर्थिक गतिविधियों के लिए कौशल विकास का आयोजन होगा।
स्वच्छता के लिए नहीं रहेगी फंड की कमी
प्रदेश में स्वच्छता को लेकर सरकार विशेष कार्य कर रही है। इसे और महत्व देने व फंड की कमी न रहे इसके लिए स्वच्छता को भी इसमें जोड़ा है। कचरे का संग्रहण, परिवहन एवं निपटान, सार्वजनिक स्थानों की सफाई, उचित जल निकासी एवं सीवेज उपचार संयंत्र का प्रावधान, मल-मूत्र के निपटान का प्रावधान, शौचालयों का प्रावधान एवं अन्य गतिविधियां के संचालन के लिए फंड की कमी नहीं रहेगी।
कृषि क्षेत्र में भी होगा कार्य
विभाग के अनुसार कृषि, बागवानी व वानिकी से संबंधित प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को सहायता, किसान उत्पादक संगठनों या सामूहिकों या सहकारी समितियों को सहायता, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, कोल्ड स्टोरेज, भंडारण, मार्केट यार्ड आदि विपणन सुविधा उपलब्ध होगी। पौधारोपण, औषधीय जड़ी-बूटियों के प्रसंस्करण के लिए भी सहायता मिलेगी।
Published on:
17 Jun 2025 10:42 am