श्रेष्ठ परिणाम नहीं देने वाले अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों पर गिरेगी गाज
महात्मा गांधी और अन्य राजकीय अंग्रेजी माध्यमिक स्कूलों में पदस्थापन होने से शिक्षकों में उत्साह है। शिक्षा विभाग ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में आने वाले शिक्षकों के लिए नियम कड़े किए हैं। उन्हें हर साल परीक्षा से गुजरना होगा। श्रेष्ठ परिणाम देने पर ही शिक्षकों का पदस्थापन नियमित होगा, अन्यथा उन पर गाज गिर सकती या स्कूल से छुट्टी कर दी जाएगी।
गड़बड़ाया आचरण तो...
महात्मा गांधी विद्यालयों में पदस्थापित शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग ने कई मापदंड तय किए हैं। विद्यालयों का परीक्षा परिणाम श्रेष्ठ बनाए रखने समेत कई मापदंडों पर खरा उतरना होगा। विद्यालय का परीक्षा परिणाम गिरा या शिक्षक का आचरण अनुकूल नहीं हुआ तो शिक्षक को संबंधित विद्यालय से हटा दिया जाएगा। पदस्थापन का हर साल नवीनीकरण होगा। रैंकिंग में नीचे रहने वाले शिक्षकों पर भी गाज गिरेगी।
नियुक्ति के साथ कड़े नियम भी लागू
- चयन के बाद कार्मिक को एक वर्ष की अवधि के लिए पदस्थापित किया जाएगा। एक साल बाद यदि कार्य संतोषजनक हुआ तो एक-एक वर्ष के लिए अवधि बढाई जा सकेगी।
- पदस्थापन उपरांत किसी भी कार्मिक की नकारात्क छवि, प्रतिकूल परीक्षा परिणाम पाया गया तो 3 माह की अवधि तक पदस्थापन पर पुनर्विचार किया जाएगा। बिना कोई कारण बताए हटाया जा सकेगा।
- कार्मिक को मूल संवर्ग में किसी उच्चतर पद पर पदोन्नत किया जाता है तो उसे पदोन्नति पर पदस्थापन के लिए प्रतिवर्तित समझा जाएगा।
- अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में पदस्थापन केे लिए वांछनीय योग्यता रखने पर नियुक्ति प्राधिकारी पदोन्नत कार्मिक का किसी भी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में रिक्तियों और अत्यावश्यकता के अनुसार पदस्थापन कर सकेंगे।
- कार्मिक को पद और विषय के अनुसार जिले केे किसी भी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में पदस्थापित/ स्थानान्तरित किया जा सकेगा।
- कार्मिक को उसके पदस्थापित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में विद्यार्थियों का नामांकन कम रहने की स्थिति में उस विद्यालय में से जिले में किसी अन्य विद्यालय में पदस्थापित किया