25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

उद्यमियों ने मांगा ककरोलिया घाटी का पानी

शहर में चम्बल पेयजल परियोजना का पानी आने के बाद प्रशासन ने ककरोलिया घाटी का पानी लेना बन्द कर दिया है

2 min read
Google source verification
Entrepreneurs sought Kkrolia valley water in bhilwara

Entrepreneurs sought Kkrolia valley water in bhilwara

भीलवाड़ा ।

शहर में चम्बल पेयजल परियोजना का पानी आने के बाद प्रशासन ने ककरोलिया घाटी का पानी लेना बन्द कर दिया है। इस पानी की मांग उद्यमी करने लगे है।

READ: फिक्सेशन नहीं होने से खफा डॉक्टर ने मरीजों की सोनोग्राफी करने से किया इंकार

इस मामले में मेवाड़ चैम्बर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उद्योगों को पानी देने की मांग की है। चैम्बर के महासचिव आरके जैन ने बताया कि ककरोलिया से पानी आपूर्ति के लिए पाइप लाइन डाल रखी है। इसके माध्यम से उद्योगों को पानी की आपूर्ति की जा सकती है। ककरोलिया से पानी मिलता है तो विकास के मार्ग भी खुलेंगे। रोजगार मिलेगा।

READ: नदियों में बनाए कुएं, एेसे ही चला तो नहीं मिलेगी बजरी


चम्बल का पानी आने के बाद ककरोलिया का पानी किसी के भी काम नहीं आ रहा है। ऐसे भी बनास व क्षेत्र एक बारिश से रिचार्ज हो जाता है। जल आपूर्ति बन्द होने से योजना पर लगे करोडों रुपए व्यर्थ हो रहे है। पाइपलाइन व आधारभूत ढांचा खराब हो जाएगा।

एक करोड़ लीटर पानी
उन्नीस प्रोसेस हाउस एवं 5 डाई हाउस कार्यरत है, जिनके द्वारा 90 प्रतिशत पानी को शुद्धीकरण के बाद पुन: उपयोग किया जाता है। इन उद्योगों की प्रतिदिन नए पानी की आवश्यकता लगभग 1.2 करोड लीटर प्रतिदिन है। रिसर्जेन्ट राजस्थान में भीलवाडा जिले में 10 हजार करोड से अधिक के एमओयू हस्ताक्षरित किए गए है। कांकरोलिया घाटी परियोजना से उद्योगों को जल आपूर्ति पर इन सभी एमओयू भी साकार रूप ले सकेंगे।



नहीं डालनी पड़ेगी पाइप
प्रशासन इस योजना को गंभीरता से लेता है तो उद्योगों को पानी के लिए अलग से पाइप लाइन डालने की भी आवश्यकता नहीं होगी। पानी जहां भी स्टोर होगा, वहां से पानी को पम्प कर लिया जाएगा। डेनिम क्षेत्र में विस्तार की संभावना है। पीवी सूटिंग में विश्व में सबसे बडा निर्माण केन्द्र बनने के बाद भीलवाड़ा अब डेनिम सूटिंग उत्पादन में भी अहमदाबाद के बाद देश का सबसे बड़ा उत्पादन केन्द्र बनेगा।