
For the first time, no principal will receive a notice
भीलवाड़ा जिले के सरकारी स्कूलों ने इस बार 12वीं कक्षा की परीक्षा में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए मिसाल कायम की है। शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे इन स्कूलों ने न केवल अपनी चुनौतियों को पीछे छोड़ा बल्कि ऐसे परिणाम दिए हैं जिन पर जिले को गर्व है। इस वर्ष विज्ञान, वाणिज्य और कला - तीनों ही संकायों में जिले के सरकारी विद्यालयों ने विभागीय मानकों को पार कर शानदार प्रदर्शन किया है। पहली बार जिले के किसी भी संकाय में एक भी विद्यालय का परीक्षा परिणाम विभागीय मानदंड (60 प्रतिशत) से नीचे नहीं गया है।
विभागीय मापदंड: इस बार कोई नहीं गिरा मानकों से नीचे
यदि किसी विद्यालय का परीक्षा परिणाम 60 प्रतिशत से नीचे जाता है, तो संस्था प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है। वहीं, विषय अध्यापक का परिणाम यदि 70 प्रतिशत से कम होता है, तो उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाती है। लेकिन इस बार एक भी विद्यालय या विषय अध्यापक का परिणाम 80 प्रतिशत से कम नहीं रहा है। ऐसे में पहली बार जिले में किसी प्रधानाचार्य को विभागीय नोटिस नहीं मिलेगा।
90 प्रतिशत से अधिक परिणाम वालों को पुरस्कार
शिक्षा विभाग की ओर से तय मानकों के अनुसार यदि किसी विद्यालय का परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत से अधिक होता है, तो संस्था प्रधान को प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। यदि किसी विषय का परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत होता है, तो संबंधित व्याख्याता को विभाग की ओर से श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम के लिए विशेष प्रमाण पत्र दिया जाता है। भीलवाड़ा जिले के अधिकांश विद्यालय और शिक्षक इन दोनों ही मानकों को पार कर चुके हैं। इससे इस बार जिले में प्रशस्ति पत्रों की झड़ी लगने वाली है। एडीपीसी डॉ. रामेश्वर प्रसाद जीनगर ने बताया कि इस बार एक-दो स्कूलों को छोड़कर सभी संस्था प्रधान ने अच्छा काम किया है। ऐसे में किसी को नोटिस जारी होगा या नहीं इसके लिए सूची तैयार की जा रही है।
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Published on:
28 May 2025 08:45 am
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