26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जान जोखिम में डाल कर २४ घंटे में पकड़े चार जहरीले सांप

देश में विषैले सांपों में शुमार चार विभिन्न प्रजातियों के सांपों का शुक्रवार को वन विभाग व वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन कर लोगों को राहत दी। चौबीस घंटे के दौरान कोबरा,रसल वाइपर, सॉ स्केल्ड वाईपर व कॉमन क्रेट चार रेस्क्यू कर संयुक्त टीम ने देश में नया इतिहास रचने का दावा किया है। इस दौरान वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर के सचिव कुलदीप सिंह राणावत को जान का जोखिम भी उठाना पड़ा।

3 min read
Google source verification
Four poisonous snakes caught at risk in 24 hours

Four poisonous snakes caught at risk in 24 hours


भीलवाड़ा। देश में विषैले सांपों में शुमार चार विभिन्न प्रजातियों के सांपों का शुक्रवार को वन विभाग व वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन कर लोगों को राहत दी। चौबीस घंटे के दौरान कोबरा,रसल वाइपर, सॉ स्केल्ड वाईपर व कॉमन क्रेट चार रेस्क्यू कर संयुक्त टीम ने देश में नया इतिहास रचने का दावा किया है। इस दौरान वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर के सचिव कुलदीप सिंह राणावत को जान का जोखिम भी उठाना पड़ा।


रेस्क्यू के दौरान कोबरा सांप बालाजी एग्रो रीको ग्रोथ सेंटर में जितेंद्र मोतियानी की दाल फैक्ट्री के गोदाम से पकड़ा, कॉमन क्रेट सांप को अहिंसा बंगलो के पास राजीव यादव के घर के अटैच लेट बाथ से, रसल वाइपर को छोटू खान पटवारी के बालाजी के पास खेत से पकड़ा। इसी प्रकार स्केल्ड वाइपर सांप को सरेरी में संपत माली के खेत स्थित कक्ष से पकड़ा गया।

चारों सांपों को उप वनसंरक्षक के मार्ग दर्शन में पुन: जंगल में छोड़ा गया। राणावत ने बताया कि रेस्कयू के दौरान कई बार जान बारिश के मौसम में अभी तक संयुक्त अभियान में 308 रेस्क्यू किए जा चुके है। इन रेस्क्यू में २८५ जहरील जीवों को पकड़ा गया है। जबकि राष्ट्रीय पक्षी मोर, पैंथर, नीलगाय, जंगली सूअर, गोयरा का भी रेस्कयू रहा है। उन्होंने बताया कि गुरुवार रात दो बजे से शुक्रवार शाम पांच बजे तक हुए चार रेस्कयू के दौरान पकड़े गए सभी चारों सांप सर्वाधिक विषैले है। वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर उदयपुर के अध्यक्ष चमन सिंह चौहान का भी सहयोग रहा है।

बारिश रुकते ही सांपों का आतंक
राजस्थान में 4 प्रजाति के सांप जहरीले पाए जाते हैं उनमें से उक्त चारों प्र्रजाति के सांप सर्वाधिक खतरनाक है। रसल वाइपर, सॉ स्केल्ड वाइपर, कॉमन क्रेट प्रजाति मानव बस्ती में भी पाए जाते हैं । बरसात के दिनों में सबसे ज्यादा घरों के अंदर कोबरा सांप कॉमन क्रेट से लोगों का सामना होता है। जबकि रसल वाइपर व सॉ स्केल्ड वाइपर से खेतों में इंसानों से सामना होता है। इन्हीं चार सांपों की वजह से भारतवर्ष में मात्र 4 महीने में 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इन सांपों से दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है।
.................................

यूं रखें आप सावधानी
अगर आपके घर में कोई भी सांप घुस आए तो उस सांप को छेड़े नहीं जहां वह छुप कर बैठा है, उसे बैठा रहने दे एक बार उसके सामने चले जाएं और करीब 5 मिनट के लिए अकेला छोड़ दें, सांप वहां से तुरंत निकल कर घर के बाहर चला जाएगा।

- रात को जमीन पर नहीं सोए, पलंग का इस्तेमाल करें और कमरे में अगर पलंग पर सोते हैं और उस कमरे में कोई खिड़की है तो खिड़की से पलंग की दूरी 2 फ ीट कम से कम रखें, खिड़की के बाहर अगर कोई झाड़-फूंस या कोई पेड़ लगे हैं तो उन्हें तुरंत हटा लें ताकि रात को जब आप सोए हुए हो तो खिड़की से कोई जहरीला जीव जंतु आपके सीधा पलंग पर ना आ जाए इसलिए दीवार से 2 फीट की दूरी बना कर सोए, घर के बाहरी या घर के अंदर अनावश्यक चीजें पड़ी है तो उसे तुरंत हटा लें।

- जूता पहनने से पहले उसे चेक अवश्य करें क्योंकि कई बार सांप जूतों में भी छुप कर बैठे हो सकते हैं। इसलिए सावधानी जरूर रखें और अगर किसी को सांप काट ले तो व्यक्ति को तुरंत अस्पताल पहुंचाएं ना की किसी धार्मिक स्थल पर, व्यक्ति को जब अस्पताल ले जा रहे हैं तो उसे गाड़ी में लेटाकर नही ले जाएं गाड़ी में या मोटरसाइकिल पर बैठा कर ले जाएं, पॉजिटिव बात करें नेगेटिव बात कताही न करें
- पीडि़त को कम से कम समय में अस्पताल में भर्ती करना है, अगर संभव हो तो सांप को जिंदा या मुर्दा भी अस्पताल में साथ ले जा सकते हैं ताकि डॉ किसी अनुभवी को बुलवाकर सांप को पहचान करा लेते हैं। जिसे इलाज में काफ ी मदद मिलती है।
- कोबरा व कॉमन क्रेट मैं न्यूरोटोक्सीन विनम पाया जाता है, रसल वाइपर सा स्केल वाइपर में हिमो टॉक्सिन विनम्र पाया जाता है, कोबरा व कॉमन क्रेट में न्यूरोटोक्सीन विनम के कारण व्यक्ति को सीधा ब्रेन में असर करता है। समय पर इलाज नहीं मिले तो कुछ ही घंटों में व्यक्ति की मौत हो जाती है। रसल वाइपर सा स्केल वाइपर में हिमो टॉक्सिन विनम पाया जाता है, जिससे व्यक्ति के लिवर किडनी को नुकसान पहुंचता है। जिसमें व्यक्ति की मौत बहुत देरी से होती है लेकिन बहुत दर्दनाक होती है इनसे बचाव का एक ही तरीका है सावधानी।
कुलदीप सिंह राणावत, सचिव वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर भीलवाड़ा