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समकितमुनि की गुरू बहिनों का सड़क दुर्घटना में देवलोकगमन

मुंबई-नासिक रोड पर कसाराघाट क्षेत्र में सुबह विहार के दौरान ट्रक के कुचल देने से हुआ हादसा

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समकितमुनि की गुरू बहिनों का सड़क दुर्घटना में देवलोकगमन

समकितमुनि की गुरू बहिनों का सड़क दुर्घटना में देवलोकगमन

भीलवाड़ा. जैन समाज को गुरूवार सुबह उस समय बहुत बड़ी क्षति हुई जब काल बनकर आए ट्रक के कुचल देने से संयम जीवन की साधना करते हुए विहार यात्रा कर रही दो महासाध्वियों का देवलोकगमन हो गया।

मुंबई-नासिक रोड पर कसारा घाट क्षेत्र में गुरूवार सुबह हुए इस अति दुःखद हादसे में सुमतिप्रकाशजी एवं विशालमुनिजी की शिष्या साध्वी सिद्धायिक एवं हर्षायिका का देवलोकगमन हो गया। गत चातुर्मास मुंबई के वाशी क्षेत्र में करने वाले इन महासाध्वियों का इस वर्ष का चातुर्मास नासिक के पवननगर में होना था।
चातुर्मास के लिए ही साध्वी विहार यात्रा पर थे। दोनों दिवंगत महासाध्वियां पिछला चातुर्मास भीलवाड़ा के शांतिभवन में करने के बाद पूना में इस वर्ष के चातुर्मास के लिए पहुंच चुके डॉ. समकितमुनि, भवान्तमुनि एवं जयवंतमुनि की गुरू बहिने थी।
इस हादसे में विहार यात्रा के दौरान साध्वी के पीछे चल रही कार ट्रक की चपेट में आने से पलट गई उसके बाद बेकाबू ट्रक ने दोनों साध्वियों को भी अपनी चपेट में ले लिया। हादसे की सूचना मिलते ही जैेन समाज में शोक की लहर छा गई। पूना के सुखसागरनगर स्थित श्री वर्धमान श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन भवन ट्रस्ट में विराजित समकितमुनि ने इस हादसे को जिनशासन के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि संयम जीवन स्वीकार करने के बाद भगवान महावीर का संदेश जन-जन तक पहुंचाने में लगी ज्ञानवान ऐसी साध्वी गुरू बहनों का इस तरह चला जाना अत्यंत वेदना देने वाला पल है और इससे संत व श्रावक समाज को जो क्षति हुई है उसकी भरपाई कभी नहीं हो सकेगी। भवान्तमुनि एवं जयवंतमुनि ने भी कहा कि कई बार इनसे धर्म चर्चा करने का अवसर मिला और हमेशा उनसे कुछ सीखने की प्रेरणा मिलती थी। कई श्रावक-श्राविकाओं ने भीसाध्वियों के देवलोकगमन पर गहरा दुःख जताते हुए कहा कि इससे जैन धर्म एवं श्रमण संघ को जो क्षति हुई है।