script#sehatsudharosarkar सोनोग्राफी के लिए गर्भवती महिलाओं को चक्कर, एक साल से मशीन खराब दूसरी से लंबा इंतजार | Healthcare in bhilwara | Patrika News

#sehatsudharosarkar सोनोग्राफी के लिए गर्भवती महिलाओं को चक्कर, एक साल से मशीन खराब दूसरी से लंबा इंतजार

locationभीलवाड़ाPublished: Sep 16, 2017 08:30:23 pm

Submitted by:

tej narayan

मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांचों का बंटाधार, एक सप्‍ताह  बाद भी नहीं आता नंबर 

Bhilwara, Bhilwara news, Healthcare in bhilwara, Healthcare in Rajasthan , Healthcare in india,  National health mission, Latest news in bhilwara, Bhilwara news in hindi, Latest bhilwara news in hindi

भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में सोनोग्राफी मशीन खराब होने बंद पड़ा कक्ष व खराब पड़ी डिजीटल एेक्सरे मशीन।

भीलवाड़ा।
महात्मा गांधी अस्पताल के हाल देखिए। मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांचों का बंटाधार कर रखा है। सोनोग्राफी करवानी है तो एक सप्ताह इंतजार करना होगा। जांच रिपोर्ट लेनी है तो दिनभर बेकार। हालात यह है कि सरकारी मशीनरी की लापरवाही का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं पर पड़ रहा है। चिकित्सक भले सोनोग्राफी करवाने की पर्ची लिख दे।
READ: #sehatsudharosarkar कागजों में दवा सप्लाई, हकीकत में आधी बाहर से

महिला को सप्ताह भर पहले सोनोग्राफी करवाने में नम्बर आता ही नहीं। यहीं हाल एक्स-रे का भी हो रहा है। मरीज चक्कर लगाकर परेशान हो जाता है। न चिकित्सालय प्रशासन सुधार कर रहा है न ही जिला प्रशासन ध्यान दे रहा। इससे मरीज निजी चिकित्सालय की ओर जाने को मजबूर हैं।
READ: #sehatsudharosarkar सेहत से खिलवाड़, सो रही सरकार

एक मशीन एक साल से खराब, दूसरे पर सौ का भार

एमजीएच में दो सोनोग्राफी मशीन है। इनमें एक मशीन एक साल से खराब पड़ी है। दूसरी पर जिले का भार है। एमजीएच में रोजाना 70 से 100 जनों को सोनोग्राफी करवाने के लिए चिकित्सक लिखते है। जिले में एमजीएच के बाद महज शाहपुरा सैटेलाइट अस्पताल में ही सोनोाग्रफी मशीन है। उधर, डिजीटल एक्स-रे मशीन भी खराब पड़ी हुई है।
चिकित्सक एक, सप्ताह में पांच दिन ही देखते
एमजीएच में एक ही रेडियोलॉजिस्ट है। वह भी सप्ताह में चार से पांच दिन देख पाते हैं। सप्ताह में एक दिन सिलकोसिस शिविर में चलते जाते है। एक दिन ऑफ दिया जाता है। अगर छुट्टी पर चले जाए तो सोनोग्राफ करने वाला कोई होता ही नहीं।
इलाज से ज्यादा दर्द दे रही व्यवस्था
दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों से सोनोग्राफी के लिए आने वाले मरीजों को काफी दिक्कत होती है। खासतौर गर्भवती महिलाएं परेशानी हो जाती है। सप्ताहभर पहले नम्बर नहीं आता। सात से आठ घण्टे बैठना पड़ता है। उसके बाद रिपोर्ट के लिए चक्कर लगाने पड़ते है। सड़कें सहीं है नहीं। धचके खाते हुए पहुंचते है।
खून भण्डारण की व्यवस्था नहीं, बाहर भेजने की मजबूरी
एमजीएच में ब्लड बैंक है पर खून भण्डारण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ज्यादा होने पर रखने की मजबूरी है। एेसे में खून अन्य जिलों में भेजना पड़ता है। ब्लड बैंक का अलग से भवन तैयार है लेकिन लाइसेंस नहीं मिलने से खंडर में तब्दील हो रहा। यहां खून अलग करने की व्यवस्था नहीं है। नए भवन में जाने के बाद खून में प्लेटलेट अलग किया जा सकेगा। ताकि जरूरतमंदिर निजी संस्थान का रूख नहीं करना पड़ेगा।
इनका कहना है

चार दिन पहले सोनोग्राफी कराने आई थी। तब डॉक्टर साहब नहीं थे। गर्भवती हूं। परिजनों के साथ बार-बार आना सम्भव नहीं है। चक्कर लगा तंग आ गए। सुबह से बैठी हूं। एक सोनाग्राफी मशीन है। आज भी नम्बर आए, भरोसा नहीं।
– कांता मीणा, खाचरोल
पत्नी के पैर में मोच आ गई थी। इसके लिए एक्स-रे करवाया। रिपोर्ट लेने चार दिन से चक्कर लगा रहा हूं। काउंटर को समय से पहले ही बंद कर दिया जाता है। इसकी शिकायत पोर्टल पर करूंगा।
– दिनेश जैन, बापूनगर

सोनोग्राफी कराने छह दिन पहले आई थी। सुबह से दोपहर बैठी रही। नम्बर नहीं आया। कांउटर वाले ने दुबारा से आज बुलाया। आज भी सुबह से बैठी हूं।
– जायदा बानू, बीगोद
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो