कल खत्म हो रहा ग्रीष्मावकाश, 1 जुलाई से लगेंगी कक्षाएं
करीब डेढ़ महीने की मस्ती के बाद अब बच्चों को स्कूल रूटीन में लौटना है। ग्रीष्मावकाश 30 जून को खत्म हो रहा है और 1 जुलाई से स्कूल खुल जाएंगे। ऐसे में घरों में अब नया ‘टेंशन’ चल रहा है...गृह कार्य यानी होमवर्क। कई बच्चों का होमवर्क अब तक अधूरा है और स्कूल खुलने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। ऐसे में अभिभावकों, खासकर मम्मियों की दौड़-धूप बढ़ गई है। सुबह-शाम घर के कामों के साथ अब बच्चों को बिठाकर कॉपियों में लिखवाना, चार्ट बनवाना, फाइलें सजवाना, बैग दुरुस्त करना, जूतों-यूनिफॉर्म की सार-संभाल भी उनकी जिम्मेदारी बन चुकी है।
बच्चे भी टेंशन में - मैडम डांटेंगी
छुट्टियों में मस्ती तो बहुत की, लेकिन अब बच्चों को लग रहा है कि कहीं अधूरा होमवर्क स्कूल में डांट का कारण न बन जाए। इसलिए कई बच्चे खुद ही मम्मी को टोक रहे हैं, ’’होमवर्क पूरा नहीं कराया तो मैडम डांटेंगी...।’’
स्कूल बैग, यूनिफॉर्म, जूते की तैयारी
स्कूल खुलने से पहले अभिभावक यूनिफॉर्म, बैग, जूते-किताबें, कॉपियां दुरुस्त कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में जहां 16 मई के बाद परीक्षाएं खत्म होते ही छुट्टियां शुरू हो गई थीं, वहीं कई निजी स्कूल पहले ही पढ़ाई शुरू कर चुके हैं। कुछ निजी स्कूल 1 जुलाई से पहले खुल भी चुके हैं।
घर का काम, स्कूल का होमवर्क
बच्चों के पापा जहां होमवर्क से थोड़े दूरी बनाए हुए हैं, वहीं मम्मी को अब ’डबलशिफ्ट’ करनी पड़ रही है। दिन में किचन और शाम को कॉपी-पेन पकड़ा कर बच्चों के साथ क्लास जैसी स्थित बनी हुई है।