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उद्यान विभाग देगा किसानों को अनुदान, लगा सकेंगे खेतों में नर्सरी

राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत हर वर्ष बढ़ा सकेंगे अपनी आमदनी

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राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत हर वर्ष बढ़ा सकेंगे अपनी आमदनी

राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत हर वर्ष बढ़ा सकेंगे अपनी आमदनी

Bhilwara news: भीलवाड़ा जिले के किसान अब खेतों में नर्सरी बनाकर हर वर्ष लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं। उद्यान विभाग नर्सरी लगाने वाले किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान देगा।

विभाग के अनुसार राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत कोई भी किसान खेतों में नर्सरी लगा सकता है। काश्तकार को छोटी नर्सरी के लिए भू स्वामित्व दस्तावेज, सुविधाओं के विवरण सहित वित्तिय विश्लेषण व अन्य जरुरी दस्तावेज के साथ जिला उद्यानिकी विभाग में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जहां से अभिशंसा के बाद राज्य सोसायटी उद्यान निदेशालय तक प्रेषित किया जाएगा। काश्तकार नर्सरी की स्थापना करता है तो उसे बैंक ऋण की जरूरत होती है। इस आधार पर विभाग की ओर से किसानों को नर्सरी विकसित करने पर 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। अनुदान राशि तीन वर्ष की अवधि पूरी होने बाद बैंक ऐड प्रकिया से अंत में समायोजित की जाएगी। तय परियोजना प्रस्ताव का क्रियांवयन नहीं करने व पौधे उत्पादन का कार्य बंद करने की स्थिति में अनुदान की राशि वापस ली जाएगी।

योजना के तहत पौधरोपण सामग्री की आवश्यकता के अनुसार नर्सरी बहुफलीय या फल विशेष के लिए स्थापित की जा सकेगी। प्रस्ताव में फलों एवं किस्मों के नाम को स्पष्ट रुप से अंकित करना होगा। नर्सरी पर उच्च गुणवत्तायुक्त पौधों का मातृ वृक्ष ब्लॉक अनिवार्य होगा। इसके लिए मातृ पौधे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान, कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान, कृषि विश्वविद्यालयों या राज्य के अनुसंधान परिषद के संस्थान, कृषि विश्वविद्यालयों या राज्य के अनुसंधान केंद्रों से प्राप्त करने होंगे। नर्सरी पर राष्ट्रीय बागवानी मिशन से अनुदानित का बोर्ड जिस पर स्थापना का वर्ष, कुल लागत, मातृवृक्षों की किस्म, फसल की जानकारी दी।

यह सुविधाएं होना है जरूरी

काश्तकार को उन्नत किस्मों के मातृ वृक्ष ब्लॉक नेच्यूरली वेंटीलेटड ग्रीन हॉउस सुविधाओं को विकसित करना होगा। हाईटेक ग्रीन हाउस जिसमें फॉगिंग तथा छिडकाव की सिंचाई प्रणाली को लगाना होगा। रखरखाव को लेकर कीट रोगी 35 प्रतिशत लाइट, स्क्रीनिंग एवं सूक्ष्म छिडकाव सिंचाई प्रणाली युक्त शेडनेंट हाउस तथा सिंचाई को लेकर पंप हाउस स्थापित करना होगा। मृदा उपचार को लेकर स्टरलाइजेशन प्रणाली को विकसित करना होगा।