भीलवाड़ा

अवैध खनन: मांडल तालाब में धड़ल्ले से हो रहा मिट्टी का अवैध दोहन

माफिया जेसीबी से तालाब से निकाल रहे मिट्टी

2 min read
Jun 12, 2025
Illegal mining: Illegal exploitation of soil is going on rampantly in Mandal pond

प्रदेश के सबसे बड़े मांडल तालाब में इन दिनों मिट्टी का अवैध खनन चल रहा है। खनन माफिया जेसीबी से तालाब के समतल पेटे को खोदकर मात्रा में मिट्टी निकाल रहे है। इससे तालाब का प्राकृतिक सौंदर्य प्रभावित हो रहा है। बेरोकटोक किए जा रहे अवैध खनन से तालाब पेटे में कई स्थानों पर गहरी खाइयां बन चुकी हैं, जो हादसों को खुला आमंत्रण दे रही हैं। तालाब को बांध का दर्जा दिलवाने के लिए विधायक उदयलाल भंडाणा ने जिला परिषद की बैठक में प्रस्ताव भी रखा था।

प्रतिदिन निकाली जा रही 500 ट्रॉली मिट्टी

लोगों ने बताया कि खनन माफिया बड़े स्तर पर मिट्टी का अवैध खनन कर रहे हैं। प्रतिदिन लगभग 500 से अधिक ट्रॉली मिट्टी निकालकर दूरदराज ईंट भट्टों को पहुंचा रहे हैं।तालाब की पाल को भी नुकसान हो रहा है। इससे तालाब पेटे में बचा कुचा पानी भी व्यर्थ बह रहा है।

शिकायतों पर नहीं हो रही सुनवाई

मांडल क्षेत्र में बड़ी संख्या में अवैध रूप से ईंट भट्टों का संचालन हो रहा है। ईंट बनाने का काम 30 जून तक होगा। उसके बाद ईंट भट्टे 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे। बारिश से पहले ईंट भट्टा संचालक अपने यहां मिट्टी का स्टॉक करने में लगे हैं। हालांकि कुछ मिट्टी की ट्रेक्टर ट्रोली खेतों में भी जा रही हैं, लेकिन इनकी संख्या 5-7 ही है। क्षेत्र के लोग इस मामले में तहसीलदार, पुलिस, पटवारी तक को शिकायत कर चुके हैं।

न्यायालय की रोक

राजस्थान उच्चतम न्यायालय ने तालाब से मिट्टी दोहन पर 4 अप्रेल 2011 से रोक लगा रखी है। इसके बावजूद भी न्यायालय के आदेशों की पालना नहीं की जा रही है।

टीम भेजकर कार्रवाई करेंगे

मांडल तालाब से मिट्टी निकालने की सूचना मिली है। टीम भेजकर जानकारी ली जाएगी की मिट्टी कहां ले जा रहे हैं। वहीं मिट्टी निकालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रवीण अग्रवाल, खनिज अभियंता भीलवाड़ा

तहसीलदार को भेजकर कार्रवाई करेंगे

तालाब से मिट्टी निकालने पर न्यायालय की रोक है। फिर भी अगर कोई मिट्टी निकाल रहा है तो मांडल पुलिस व तहसीलदार को मौके पर भेजकर कार्रवाई की जाएगी।

सीएल शर्मा, उपखंड अधिकारी मांडल

फैक्ट फ़ाइल

  • 700 हैक्टेयर में फैला मांडल तालाब
  • 14 फीट की है भराव क्षमता
  • 2700 बीघा केचमेंट क्षेत्र (500 बीघा वन विभाग )
  • 5000 बीघा कमांड क्षेत्र
  • 1000 बीघा नॉन कमांड क्षेत्र
Published on:
12 Jun 2025 09:00 am
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