भीलवाड़ा. अब कोई भी औद्योगिक इकाई दूषित पानी की निकासी करते पाई गई तो बिना नोटिस के क्लोजर आदेश जारी किए जाएंगे। दूषित पानी छोड़ने पर औद्योगिक ईकाई पूरे वर्षा काल में बंद रहेगी।
भीलवाड़ा. अब कोई भी औद्योगिक इकाई दूषित पानी की निकासी करते पाई गई तो बिना नोटिस के क्लोजर आदेश जारी किए जाएंगे। दूषित पानी छोड़ने पर औद्योगिक ईकाई पूरे वर्षा काल में बंद रहेगी। राजस्थान पत्रिका ने प्रोसेस इकाइयों के नदी-नालों में आदतन दूषित पानी छोड़ने तथा नियमों का उल्लंघन का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
इसके बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष नवीन महाजन ने प्रोसेस हाउस से दूषित पानी की निकासी की प्रभावी रोकथाम के लिए मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी को दिशा निर्देश दिए।
क्षेत्रीय अधिकारी विनय कट्टा को दूषित पानी छोड़ने वाली इकाइयों की सूची बनाने एवं दूषित पानी की निकासी की रोकथाम के लिए प्रभावी निगरानी के निर्देश दिए। प्रोसेस इकाइयों के पैन टिल्ट जूम कैमरा (पीटीजेड कैमरा) की लोकेशन में जरुरत होने पर बदलाव व संख्याबढ़ाने को कहा। प्रोसेस इकाइयों वाले पूरे क्षेत्र का सर्वे तथा आवश्यकता होने पर ड्रोन सर्वे के निर्देश दिए। सर्वे में मिली अहम जानकारी के अनुसार संवेदनशील (क्रिटिकल) स्थानों का चिह्नीकरण कर हाई रेजोल्यूशन और रात्रि निगरानी सुविधा आधारित पीटीजेड कैमरा रिमोट-डायरेक्शनल और जूम कंट्रोल वाला क्लोज-सर्किट टेलीविजन कैमरा लगाने को कहा। इससे दूषित जल की निकासी वाली इकाइयों को ट्रेस किया जा सकेगा।
रात में बढ़ाई निगरानी
स्थानीय अधिकारियों की ढिलाई के कारण ही काले पानी की समस्या बढ़ रही थी। इस संबंध में कई बार राजस्थान पत्रिका में समाचार प्रकाशित किए थे। इसके बाद मंडल के चेयरमैन ने बरसात के दौरान विशेषकर रात के समय सतर्कता निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए। क्षेत्रीय अधिकारी को बरसात के दौरान प्रोसेस इकाइयों में स्थापित ईटीपी, आरओ संयंत्र एमईई की बिजली खपत को भी दैनिक रूप से सत्यापित करने के लिए निर्देश दिए ताकि इन इकाइयों में उपचार संयंत्रों के नियमित संचालन की जांच हो सके।