12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rising Rajasthan: भीलवाड़ा में एथेनॉल प्लांट के लिए होगा एमओयू, सैकड़ों लोगों को मिलेगा रोजगार

Rising Rajasthan: राइजिंग राजस्थान के तहत 8 नवंबर को भीलवाड़ा में होने वाले इंवेस्टमेंट समिट में एथेनॉल प्लांट के लिए भी एमओयू होगा।

2 min read
Google source verification
फाइल फोेटो

फाइल फोेटो

Bhilwara News: राइजिंग राजस्थान के तहत 8 नवंबर को भीलवाड़ा में होने वाले इंवेस्टमेंट समिट में एथेनॉल प्लांट के लिए भी एमओयू होगा। करीब 150 करोड़ का यह प्लांट शाहपुरा मार्ग पर लगाना प्रस्तावित है। हालांकि इस प्लांट के लिए अभी जमीन की तलाश की जा रही है। यह एथेनॉल प्लांट मक्का व ब्रोकन राइस आधारित होगा। इसमें 300 लोगों को रोजगार मिलेगा।

जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक केके मीणा ने बताया कि केयरज़ोन एग्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड की ओर से एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए एमओयू किया है। प्लांट लगने से भीलवाड़ा जिले में उत्पादित मक्का का उपयोग यहीं पर हो सकेगा। यह प्लांट भीलवाड़ा के मुकेश लढ्ढा की ओर से लगाया जा रहा है।

एमओयू के अनुसार, यह प्लांट भीलवाड़ा-शाहपुरा मार्ग पर लगाने की योजना है। राजस्थान पत्रिका की ओर से 'अपनी उपज-अपना उद्योग' को लेकर अभियान भी चलाया जा रहा है। अभियान को लेकर राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासूदेव देवनानी, उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, प्रभारी मंत्री मंजू बाघमार, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा ने सराहना की।

मेवाड़ा ने एथेनॉल प्लांट को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री को भी पत्र लिखा है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक गोपाललाल कुमावत ने बताया कि जिले में सबसे ज्यादा एक लाख आठ हजार हैक्टेयर क्षेत्र में मक्का की बुवाई हुई थी। पैदावार औसतन 2800 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होने की संभावना है। खाद्यान व्यापार संघ के अध्यक्ष मुरली ईनाणी ने बताया कि भीलवाड़ा, शाहपुरा, चित्तौड़गढ़, निबाहेड़ा में उत्पादित मक्का भीलवाड़ा से गुजरात, हरियाणा, पंजाब तथा खा़ड़ी देशों में भेजा जा रहा है।

अधिकांश मक्का पशु आहार व मुर्गीपालन में काम लिया जा रहा है। कुछ मक्का शराब फैक्ट्रियों की ओर से भी खरीदा जा रहा है। भीलवाड़ा में अगर एथेनॉल प्लांट लगता है तो यह मक्का भीलवाड़ा में ही काम आएगा। भीलवाड़ा जिले से करीब 5 लाख क्विंटल मक्का की खपत हो रही है।

पेट्रोल की जलनशीलता बढ़ाने के लिए उसमें एथनॉल डाला जाता है। हरियाणा में पेट्रोल में 5 प्रतिशत तथा उत्तर प्रदेश में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाने पर पेट्रोल में आक्टेन वैल्यू 2.5 प्रतिशत तथा ऑक्सीजन की क्षमता 3 प्रतिशत बढ़ जाती है। इससे पेट्रोल इंजन में 100 प्रतिशत जलता है तथा धुआं से प्रदूषण नहीं होता है। केंद्र सरकार इस योजना को प्रोत्साहित कर रही है।

यह भी पढ़ें: Diwali 2024: हेरिटेज-ग्रेटर निगम की ओर से 250 वार्डों में बांटे जाएंगे गोमय दीपक, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम कदम