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हमारा मक्का जा रहा हरियाणा व पंजाब के पोल्ट्री फार्म में

भीलवाड़ा में कम उत्पादन के बावजूद मक्का की आवक बरकरार हाइब्रिड मक्का 1800–1870 और देशी 2800–3800 रुपए प्रति क्विंटल बिका

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Our maize is going to poultry farms in Haryana and Punjab.

Our maize is going to poultry farms in Haryana and Punjab.

भीलवाड़ा जिले में इस बार मानसून लगातार सक्रिय रहने और अतिवृष्टि के कारण मक्का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इसके बावजूद कृषि उपज मंडी में प्रतिदिन 1400 से 1600 बोरी मक्का की आवक बनी हुई है। किसानों की ओर से लाया जा रहा मक्का राजस्थान ही नहीं, देश के कई राज्यों और खाड़ी देशों तक भेजा जा रहा है। यहां के मक्का की मांग पंजाब व हरियाणा के पोल्ट्री फार्म हाउसों के खाड़ी देशों में भी है।

उत्पादन हुआ कम, आवक बनी रही

जिले में इस बार 1.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की बुवाई हुई थी, परंतु भारी बारिश के कारण उत्पादन में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। इसके बावजूद मंडी में किसानों की आवक जारी है। मंडी में हाइब्रिड मक्का 1800 से 1870 रुपए प्रति क्विंटल, जबकि देशी मक्का 2800 से 3800 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव कुमार गगरानी ने बताया कि पिछले कई दिनों से मक्का की प्रतिदिन 1400 से 1600 बोरी आवक लगातार बनी हुई है।

देशी व हाइब्रिड दोनों किस्मों की मांग तेज

जिले में मुख्य रूप से दो किस्म देशी और हाइब्रिड मक्का का उत्पादन होता है। देशी मक्का खाद्य उपयोग के लिए तथा हाइब्रिड मक्का मुख्यत: पशु आहार, पोल्ट्री फार्म और शराब फैक्ट्रियों में उपयोग हो रहा है। लेकिन वर्तमान में कृषि मंडी से प्रतिदिन 5 से 6 ट्रक मक्का यानी 125 टन मक्का पोल्ट्री फार्म जा रहा है। पंजाब, हरियाणा, गुजरात सहित कई राज्यों में भीलवाड़ा का हाइब्रिड मक्का उच्च गुणवत्ता के कारण पसंद किया जा रहा है।

खाड़ी देशों में भीलवाड़ा के मक्के की विशेष पहचान

जिले में सामान्य वर्षों में 3.5 लाख टन से अधिक मक्का उत्पादन होता है। यहां का मक्का गुजरात के गांधीधाम से सऊदी अरब, कतर, दुबई, कुवैत, कनाडा सहित कई देशों में निर्यात होता है। खाड़ी देशों में हर वर्ष 4 से 5 लाख क्विंटल भीलवाड़ा का मक्का भेजा जाता है।

प्रदेश में सबसे अधिक उत्पादन भीलवाड़ा में

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीके जैन ने बताया कि राजस्थान में सर्वाधिक मक्का उत्पादन भीलवाड़ा जिले में होता है। इसके बाद चित्तौड़गढ़, उदयपुर, बांसवाड़ा तथा राजसमंद जिला शामिल हैं। बांसवाड़ा में खरीफ के साथ रबी में भी मक्का की बड़ी पैमाने पर खेती होती है। हालांकि इस वर्ष सभी जिलों में बारिश का असर उत्पादन पर स्पष्ट रूप से देखा गया है।

भीलवाड़ा जिले में मक्का की फसल का उत्पादन

वर्ष क्षेत्रफल उत्पादन टन में

  • 2017-18 1,58,939 2,23,637
  • 2018-19 1,55,343 2,71,990
  • 2019-20 1,71,420 1,94,172
  • 2020-21 1,87,892 4,00,379
  • 2021-22 1,84,781 3,46,494
  • 2022-23 1,91,338 4,60,212
  • 2023-24 1,78,722 3,04,947
  • 2024-25 1,60,253 3,20,251
  • 2025-26 1,65,165 2,50,321