rajasthan vidhan election2023 कहने में भले ही फलों का राजा आम है, लेकिन विधानसभा चुनाव ने केले व संतरे के दिन फिर गए हैं। दोनों ही फल प्रत्याशियों के मान-सम्मान में तराजू के पलड़ों में उतरने लगे हैं। इनके दाम सस्ते होने से इनकी मांग फल मंडी में बढ़ी है।
कहने में भले ही फलों का राजा आम है, लेकिन विधानसभा चुनाव ने केले व संतरे के दिन फिर गए हैं। दोनों ही फल प्रत्याशियों के मान-सम्मान में तराजू के पलड़ों में उतरने लगे हैं। इनके दाम सस्ते होने से इनकी मांग फल मंडी में बढ़ी है।
सर्दी में भी भाव गरम
फल व्यवसायियों का मानना है कि अमूमन सर्दी में केले की मांंग घटती है, लेकिन इस बार उल्टा हो रहा है। चुनाव में प्रचार को गति मिलने के साथ ही इनकी मांग भी दुगनी होने की संभावना है। चुनाव कोई सा हाे, जनसम्पर्क के दौरान प्रत्याशियों के स्वागत एवं सम्मान में समर्थक व कार्यकर्ता कोई कसर नहीं छोड़ते। ढोल-नगाड़ों व बैंडबाजों के बीच मालाओं से लादना आम बात है। फलों से तोलने की भी होड़ हो रही है। इन दिनों फलों की मांग में उठाव आया है।
कार्यकर्ताओं को भा रहे केले
जनसम्पर्क के दौरान प्रत्याशियों को केले, संतरे, खजूर व सेव से तोला जाता रहा है। केले व संतरे सस्ते होने से चुनावी मौसम में मांग बढ़ी है। सर्दी में लोग केले खाना कम पसंद करते हैं। फलस्वरूप केला अभी बीस से तीस रुपए किलो तक बिक रहा है। चुनाव में अच्छी मांग होने से अभी 70 टन केला रोज आ रहा है। दीपावली बाद यह मांग सौ टन हो जाएगी।
संतरा के दाम चढ़े
जिले में केला महाराष्ट्र के जलगांव से सर्वाधिक आता है। संतरा अभी दस से पन्द्रह रुपए प्रति किलो तक बिक रहे हैं। संतरे की सर्वाधिक आवक जिले के मांडलगढ़, त्रिवेणी, जोजवा व बीगोद से ही हो रही। व्यवसायी ओम टिक्याणी बताते हैं कि संतरे व केले की प्री बुकिंग भी होने लगी है। संतरे की आवक बीस से बढ़ कर प्रतिदिन चालीस टन होने की उम्मीद है ।