धर्म तालाब और खसरा संख्या 2050 फतेह सागर व बड़ा तालाब पर अवैध पट्टे जारी करने का मामला
राष्ट्रीय हरित अधिकरण की मध्य क्षेत्र पीठ ने कोटड़ी तहसील के धर्म तालाब और फतेहसागर तालाब (बड़ा तालाब) में बढ़ते प्रदूषण और अतिक्रमण पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। 9 जुलाई को हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति शिवकुमार सिंह और डॉ. ए सेंथिल वेल की पीठ ने आवेदक कोटड़ी निवासी विष्णुकुमार वैष्णव बनाम राजस्थान राज्य एवं अन्य के मामले में यह आदेश जारी किया। अधिवक्ता लोकेन्द्र सिंह कच्छावा रहे। अधिकरण ने मुख्य रूप से तीन गंभीर मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। पहला तालाबों में अनुपचारित सीवरेज का बहाव, जल निकायों पर अवैध कब्जे और पानी की गुणवत्ता में लगातार गिरावट। आवेदक विष्णु ने शिकायत की थी कि कोटड़ी गांव के खसरा संख्या 1595, 4467 (धर्म तालाब) और खसरा संख्या 2050 (फतेह सागर/बड़ा तालाब) पर अवैध पट्टे जारी किए गए हैं और अतिक्रमण हो रहा है, जिससे ये महत्वपूर्ण जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं। एनजीटी ने धर्म तालाब के संबंध में कई सख्त निर्देश दिए हैं। सर्वेक्षण संख्या 739, 739/1 और 739/2 में तालाब की भूमि पर जितने भी निर्माण हुए हैं, उन्हें तीन महीने के भीतर ध्वस्त किया जाएगा। भीलवाड़ा कलक्टर को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही, धर्मो तालाब को उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जाएगा। यह कार्य जिला कलेक्टर, भीलवाड़ा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पंचायत समिति, बनेड़ा के खंड विकास अधिकारी और राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (आरएसपीसीबी) (जो इस मामले में नोडल एजेंसी होगा) की एक संयुक्त समिति करेगी। मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त, 2025 को होगी।