
One lake - two owners, read the truth of Mansarovar lake bhilwara
One lake - two owners, read the truth of Mansarovar lake bhilwara भीलवाड़ा। नगर विकास न्यास ने भले ही पटेलनगर स्थित मानसरोवर झील का सौंदर्यीकरण एवं विकास पर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन यह झील आज भी जलसंसाधन विभाग (सिंचाई विभाग) के राजस्व रिकार्ड में किशानवतो की खेड़ी तालाब के रूप में दर्ज है और उसका मालिकाना हक है। पेराफेरी क्षेत्र में यह तालाब आने के बावजूद न्यास ने भी अधिकारिक रूप से अभी तक तालाब का अधिग्रहण नहीं किया है। ऐसे में झील के एक नहीं अभी दो मालिक है।
शहर के पटेलनगर विस्तार क्षेत्र में स्थित मानसरोवर झील शहर के रमणीय एवं पर्यटनीय स्थल के रूप में उभरा है। नगर विकास न्यास यहां झील के जीर्णोद्धार एवं विकास पर लाखों रुपए खर्च कर चुका है। यहां पर्यटकों व शहरी बाशिन्दों को आकर्षित करने के लिए यहां निजी एजेंसी के जरिए झील में वोटिंग शुरू की गई है तो यहां लीज पर ही एक रिसोर्ट संचालित है। विभिन्न संगठन भी यहां अवकाश में श्रमदान कर झील के सौंदर्यीकरण में अपनी सहभागिता निभाते है। कोरोना संकट काल से पहले यहां शाम को रौनक नजर आती थी और अवकाश के दिनों में शहर के विभिन्न हिस्सों से भी लोग पहुंचते थे।
दो दशक में बीस करोड़ खर्च
नगर विकास न्यास दो दशक से झील के विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए रुपए खर्च कर रही है। न्यास ने ही उक्त तालाब का नाम मानसरोवर झील रखा है। न्यास का राजस्व आंकड़ा बताता है कि झील की काया पलट के लिए करीब बीस करोड़ रुपए विभिन्न चरणों में खर्च किए जा चुके है। झील अभी न्यास के अधीन है और विकास कार्य अभी भी जारी है।
११६ बीघा में फैला
जलसंसाधान विभाग का राजस्व रिकार्ड बताता है कि यह मानसरोवर झील नहीं वरन किशनावतो की खेड़ी तालाब है। यह विभाग का आसपास के गांवों में सिंचाई का मुख्य स्रोत रहा है। इसकी भराव क्षमता 520 एमसीएफटी है। इस तालाब से 28 हैक्टेयर यानि 116 बीघा भूमि क्षेत्र में सिंचाई होती है इसका अटैचमेंट एरिया 3.24 स्कवायर वर्ग किलोमीटर है। तालाब के पानी का गेज सात फीट तक है। One lake - two owners, read the truth of Mansarovar lake bhilwara
न्यास की पेराफेरी का हिस्सा
नगर विकास न्यास सचिव अजय कुमार आर्य ने बताया कि न्यास ने वर्ष २००२ में पटेलनगर विस्तार योजना क्षेत्र के लिए यह क्षेत्र अधिग्रहित किया था। यह तालाब भी इसी योजना क्षेत्र का हिस्सा है। इसके बाद यहां तालाब को कृत्रिम झील के रूप में विकसित किया गया।जलसंसाधन विभाग ने अब तालाब को न्यास में अधिग्रहित करने का प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव की समीक्षा कर जल्द ही अधिग्रहण करेंगे।
यूआईटी को भेजा प्रस्ताव
जलसंसाधन विभाग के सहायक अभियंता गोपाल जीनगर ने बताया कि मानसरोवर झील जल संसाधन विभाग के अधीन है, यह किशनावतो की खेड़ी तालाब से विभाग के राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। नगर विकास न्यास को पूर्ण रूप से यह तालाब अधिग्रहण करना चाहिए था, इस संदर्भ में न्यास को प्रस्ताव भिजवा दिया गया है। विभाग के अधीन 80 से 300 हैक्टयेर क्षेत्र तक के तालाब वर्ष २००2 से २००5 के मध्य जिला परिषद व स्थानीय निकायों को स्थानांतरित कर दिए गए है।
Published on:
07 Sept 2021 12:16 pm
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