
Patients getting discomfort in district hospital in bhilwara
भीलवाड़ा।
महात्मा गांधी चिकित्सालय में चिकित्सकों का नदारद रहना अब मरीजों के लिए अब लाइलाज बीमारी बन गया है। मरीज आउटडोर खुलने से पहले ही पहुंच जाते हैं।मरीज पहले डॉक्टर को दिखाने के लिए घंटों तक लाइन में खड़ा रहता है। बाद में दवा के लिए भी कतार में इंतजार करना पड़ता है।
यहां मेडिकल कॉलेज शुरू हो गई। अब चिकित्सकों की कोई कमी भी नहीं है। इसके बावजूद प्रशासनिक नियंत्रण की कमी के चलते चिकित्सक निश्चित समय पर आउटडोर में नहीं बैठते है। एेसे में यदि ओपीडी में एक या दो डॉक्टर ही होते हैं, जिन पर एक साथ अधिक मरीजों का भार आ जाता है।
अस्पताल में आउटडोर के हालात सोमवार को भी काफी खराब थे। मेडिकल आउटडोर व सर्जरी विभाग में आउटडोर खुलने के तीन घंटे बाद 11 बजे तक एक-एक डॉक्टर ही परामर्श देते नजर आ रहे थे। मेडिकल आउटडोर में डॉ. अनीता काबरा व सर्जरी विभाग में डॉ. केसी पंवार मरीजों को परामर्श दे रहे थे। मेडिकल आउटडोर के बाहर तो मरीजों की इतनी भीड़ थी कि कई मरीज तो कतार में खड़े-खड़े जमीन पर बैठ गए। करीब 11:05 मिनट पर डॉ. रामावतार बैरवा मेडिकल विभाग में आए तब जाकर मरीजों को आउटडोर समय खत्म होने से पहले इलाज की आस जगी।
मेडिकल विभाग में पांच में से दो चिकित्सक अवकाश पर थे और सर्जरी के चिकित्सक ऑपरेशन डे होने के चलते थियेटर में थे। इसी कारण दोनों विभागों में काफी समय तक एक-एक चिकित्सक ही सेवाएं दे रहे थे। दोपहर में चिकित्सकों को कक्षों में सेवाएं देने के लिए भेज कर मरीजों को राहत दिला दी गई।
डॉ. देवकिशन सरगरा, उपनियंत्रक, एमजीएच
Published on:
03 Jul 2018 06:42 pm
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