bhilwara ki diwali दीपावली पर घर लौटने की तैयारी, ट्रेन-बसों पर भारी . दीपोत्सव पर घर जाने का उत्साह लोगों में नजर आ रहा है। धनतेरस में एक दिन शेष रहने के साथ रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है।
दीपोत्सव पर घर जाने का उत्साह लोगों में नजर आ रहा है। धनतेरस में एक दिन शेष रहने के साथ रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है। ट्रेनों के आवाजाही के दौरान प्लेटफार्म भरा नजर आता है।
नो-वेटिंग के हाल
भीलवाड़ा से गुजर रही सभी ट्रेनों में भीड़ दिख रही है। लम्बी दूरी की ट्रेनों के आरक्षित कोचों के यही हाल हैं। रिजर्व कोच में अपनी सीट खाली कराने के लिए तकरार बढ़ने लगी है। लम्बी दूरी की ट्रेनों में नो-वेटिंग की िस्थति है। जनरल कोच के हालात और खराब हैं।
बंगाल व बिहार की भीड़
पश्चिमी बंगाल,बिहार, यूपी, एमपी, पंजाब, असम, ओडिशा, झारखंड जैसे कई राज्यों से बड़ी संख्या में लोग यहां भीलवाड़ा की विभिन्न फैक्टि्रयों में काम करते हैं। इनमें कई ने त्योहार पर घर जाने के लिए तीन- चार माह पूर्व ही सीट आरक्षित करवा ली। जो देरी से चेते उनका टिकट वेटिंग में है। अब नो-वेटिंग की िस्थति आ गई है। कई को वेटिंग टिकट अभी तक कन्फर्म नहीं हुआ।
वेंटिग अभी भी 280 से अधिक
रेलवे के अनुसार लम्बी दूरी की साप्ताहिक ट्रेनों में उदयपुर-न्यू जलपाईगुडी, उदयपुर- कामाख्या कवि गुरु, जयपुर-हैदराबाद, चेतक, हिसार-हैदराबाद, अजमेर-भागलपुर, अजमेर- बान्द्रा व संतरागाच्छी एक्सप्रेस के आरक्षित कोच भर चुके हैं। इनमें कुछ ट्रेनों की वेंटिग अभी भी 280 से अधिक है। लम्बी दूरी की बीस ट्रेन गुजर रही है। ऐसे में कई को उम्मीद भी है कि उनकी टिकट जरूर कन्फर्म हो जाएगी। इसलिए टिकट निरस्त भी नहीं करा रहे है।
सीट के लिए हंगामा
भीलवाड़ा स्टेशन से आने व जाने वाली दैनिक ट्रेनों में सीट मिलना आसान नहीं रहा है। यहां सात ट्रेनों के दो फेरे रोज हो रहे हैं। इनमें सीट को लेकर झगड़े भी हो रहे हैं। यहां साप्ताहिक व दैनिक ट्रेनों के आरक्षित कोच में भी कई बिना आरक्षित टिकट घुस रहे है। इससे हंगामे के हालात बन रहे हैं। टिकट निरीक्षक, आरपीएफ व रेलवे पुलिस को भी चित्तौड़गढ़ से लेकर भीलवाड़ा तक मशक्कत करनी पड़ रही है। ऑनलाइन रेलवे टिकट की बुकिंग का असर कम्प्यूटरीकृत आरक्षण केन्द्र पर नजर आ रहा है। त्योहार में यहां की विंडों से पूर्व में रोजाना पांच सौ से अधिक टिकट कटते थे, लेकिन यह आंकड़ा सौ से भी कम रह गया है।
निजी बस संचालक उठा रहे फायदा
ट्रेनों में जगह नहीं मिलने का फायदा ट्रैवल्स बस संचालक उठा रहे हैं। संचालकों ने मनमाना किराया कर दिया है। इससे लोगों की जेब पर भार पड़ रहा है। खासतौर से महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों में जाने वाली ट्रॉवेल्स बसों में किराया बढ़ा दिया गया है।