
Village To Municipal Wards: भीलवाड़ा की शहरी सीमा से सटे गांवों में अब जल्द सरपंच जैसा पद देखने को नहीं मिलेगा। यहां पंचायती राज के नियम कायदे भी काम नहीं आएंगे। नगर निगम में 24 नए गांवों के शामिल किए जाने की राज्य सरकार की अधिसूचना संभवत मार्च में जारी होगी। इसके बाद सरपंच का ओहदा पार्षद का हो जाएगा। फिर गांवों के मुखिया सरपंच की ताकत नाम मात्र की रह जाएगी।
शहरी सीमा से पांसल, मालोला, धूलखेड़ा, जोधड़ास, जीपिया, आटूण, बोरड़ा, पालड़ी सटे है। इसी प्रकार तस्वारियां, गोविंदपुरा, तेलीखेड़ा, हलेड़, सुवाणा, ईंरास, भोली, मंडपिया, माधोपुर, सालरिया, आरजिया, भदाली खेड़ा, गठिला खेड़ा, काणोली व पुरावतो का आकोला भी शहरी सीमा का हिस्सा है। इनको निगम में शामिल करने पर स्थानीय स्तर पर सहमति बन गई है।
नगर विकास न्यास सचिव ललित गोयल का कहना है कि निगम के सीमांकन के आंकलन से न्यास के गांवों की पेराफेरी प्रभावित नहीं होगी। निगम के दायरे में आने वाले गांवों के कई सरपंचों का कहना है कि इससे गांवों की भौगोलिक स्थिति प्रभावित होगी। गांवों की आबादी क्षेत्र की जमीन निगम का लैंड बैंक का हिस्सा हो जाएगा।
नगर परिषद में 70 वार्ड थे। निगम बनने से वार्ड बढ़कर 80 हो जाएंगे। दस वार्ड बढ़ाने के लिए निगम ने 24 और गांवों का चयन किया। चयनित सूची कलक्टर की मंजूरी मिल चुकी है। राज्य सरकार की मंजूरी के लिए सूची भिजवाई जा रही है। न्यास की पेराफेरी में अभी 53 गांव है। इनमें दस गांव निगम से जुड़े हैं, जबकि कुछ गांव की सीमा आंशिक रूप से जुड़ी है। सीमा दायरे का मापदंड बदलने पर निगम में गांवों की संख्या बढ़कर 35 हो जाएगी।
नगर निगम के सीमांकन को लेकर 24 गांवों का चयन हुआ। इनकी सीमाओं पर चर्चा की जाकर सहमति बन गई है। राज्य सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद निगम के वार्डों की संख्या 70 से बढ़कर 80 बनना तय है।
राकेश पाठक, महापौर निगम
Published on:
07 Feb 2025 11:10 am
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