
Kota MBS Hospital Blade In Plaster Case: कोटा के एमबीएस अस्पताल में सड़क हादसे में घायल के हाथ में प्लास्टर चढ़ाते समय स्टाफ ने ब्लेड छोड़ दी। इसका पता 7 दिन बाद तब चला, जब युवक पक्का प्लास्टर करवाने गया। दोबारा एक्स-रे करवाया तो उसमें सामने आने के बाद चिकित्सकों में हड़कंप मच गया। मामला अधीक्षक के पास पहुंचा तो अधीक्षक ने जांच कमेटी गठित कर दी। कमेटी पूरी मामले की जांच करेगी।
मरीज जाकिर ने बताया कि उसकी स्टेशनरी की दुकान है। सात दिन पहले वह दुकान के काम से केशवपुरा इलाके में जा रहा था। एक कार चालक ने अचानक कार का गेट खोल दिया। इससे उसकी बाइक टकरा गई और नीचे गिर गया। एमबीएस अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने गया। जांच में हाथ की अंगुली में फ्रैक्चर मिला। इस पर नर्सिंग स्टाफ ने हाथ में कच्चा प्लास्टर बांध दिया।
बुधवार को दोबारा पक्का प्लास्टर बंधवाने अस्पताल गया तो डॉक्टर ने एक्स-रे करवाने के लिए कहा। एक्स-रे रिपोर्ट में प्लास्टर के अंदर ब्लेड मिली। इस पर डॉक्टर को दिखाया। इस पर डॉक्टर ने नर्सिंग स्टाफ को फटकार लगाई। स्टाफ ने पक्का प्लास्टर बांधने से मना कर दिया। करीब 2 घंटे तक डॉक्टर और स्टाफ के ही चक्कर लगाता रहा। मामला मीडिया के पास पहुंचने के बाद में डॉक्टर ने पक्का प्लास्टर बांधवाया।
इधर, अस्पताल अधीक्षक डॉ. धर्मराज मीणा ने बताया कि युवक के हाथ के अंदर ब्लेड नहीं गई, वरन प्लास्टर के अंदर ब्लेड लिपटी थी। एक्सरे करवाया तो उसमें दिखाई दी। लापरवाही जैसी कोई चीज नहीं है, फिर भी अस्थि रोग विशेषज्ञ व नर्सिंग स्टाफ की कमेटी गठित कर दी है। वह पूरे मामले की जांच करेगी।
Published on:
06 Feb 2025 08:44 am
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