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रोज़ेदारों को देना होगा सब्र का इम्तिहान, पवित्र रमज़ान माह 17 से होगा शुरू

पवित्र रमजान माह चांद दिखने पर 17 मई से शुरू होगा

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ramazaan month will start from 17 may in bhilwara

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बीगोद।
पवित्र रमजान माह चांद दिखने पर 17 मई से शुरू होगा। इस बार रमजान में अकीदतमंदो को सब्र का इम्तिहान अधिक देना पड़ेगा। तेज गर्मी व लू के थपेड़ों के बीच शुरू हो रही रमजान में इस बार मौसम भी रोजेदारों के सब्र का इम्तिहान लेगा। मुकद्दस माह रमजान करीब होने से तैयारियां भी शुरू हो गई है। खेती-बाड़ी व घरेलू आवश्यक कार्य निपटाए जा रहे है जिससे रोजे की हालात मे भागदौड़ नही करनी पड़े।

मस्जिदों की सफाई व गर्मी को देखते हुए पंखे, कूलर लगाएं जा रहे है। गर्मियों में दिन बड़े होते हैं। ऐसे में रोजे का समय भी इस दौरान सबसे अधिक रहता है। इस साल रमजान माह का सबसे अधिक समय का रोजा 15 घंटे 20 मिनट तक का होगा। अलग-अलग जगहों के हिसाब से समय में कुछ बदलाव रहेगा ।
16 मई की शाम को चांद नजर आने के साथ ही तरावीह की नमाज शुरू हो जाएगी और रात को सहरी कर रोजा रखा जाएगा एवं 17 मई को पहला रोजा सम्पन होगा।


गुनाहों से बचाता है रोज़ा
मरकज़ मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल वहाब ने बतााया कि रमजान महीना हमें गुनाहों से बचने और भलाई के रास्ते पर चलने की सीख देता है। रोजे सभी मर्द और औरतों पर फर्ज हैं। रोजे के मायने केवल भूखे प्यासे रहना नहीं है। बल्कि खुद को हर उस बात से रोकना है, जिससे किसी को तकलीफ न पहुंचे। जुबान से किसी की बुराई या ऐसी बात न बोले जो किसी को बुरी लगे। हाथों से ऐसे काम न करे जो किसी को तकलीफ पहुंचाए। पैरों से चल उन जगहों पर न जाए जहां गुनाह हो रहे हैं। सिर्फ खुदा की इबादत और अपने गुनाहों की माफी में वक्त को गुजारे एवं घर-परिवार, वतन की सुख शांति व खुशहाली की दुआएं करे। तेज गर्मी में इस बार रोजे होगें फिर भी रोज़ेदारों में उत्साह है।


सबसे सुखद पल इफ्तार का
रमजान माह शुरू होते है गांव,कस्बो व शहरों की फिजाएं बदल जाती है। सायं को रोजेदार इफ्तार सामग्री खरीदने के लिए बाजारों में उमड़ पड़ते है वही घरों में भिन्न-भिन्न प्रकार की चीजें बनाई जाती है। सूरज ढलते ही मग़रिब की अज़ान के साथ सामूहिक रूप से इफ्तार किया जाता है जो रोजे का सबसे सुखद पल होता है।


बच्चों को दूर रखने की नसीहत
इस बार गर्मी अधिक होने से उलेमा छोटे बच्चों को रोजे से दूर रखने की नसीहत दे रहे है। कई लोग अपने पांच से दस वर्ष तक के बच्चो को रोजा रखवा देते है। बच्चो पर रोजे फर्ज नही ओर ऐसे में इस बार छोटे बच्चो से रोजे नही करवाने की नसीहतें दी जा रही है।

बड़े भी रखे रोज़े में सेहत का ख़्याल
डॉ. रजनीश गौतम ने बताया कि इस बारे गर्मी तेज होने से रोजेदार धूप में निकले। चक्कर आने व बेहोश होने की समस्या आ सकती है। रोजा खोलते समय तेल की चीजों व ठंडे पेय पदार्थों का प्रयोग नही करे। फल व जूस का सेवन करे और हल्का भोजन लेने की सलाह दी है। भोजन के साथ दही व छाछ का भरपूर प्रयोग करेंं।