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टूटा रावण का गुरूर, 60 सैकंड में खाक हुआ परिवार, नाभि में तीर लगा तो आंखों से निकले अंगारे

विजयादशमी पर शहर में 6 जगह 51 फीट ऊंचे रावण के पुतलों का दहन, मिनटों में अहंकार खाक 20 सैकंड तक आंखों से निकले अंगारे, हाथों से शोले भी बरसाए

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Ravana's pride shattered, his family destroyed in 60 seconds; an arrow pierced his navel and sparks erupted from his eyes.

Ravana's pride shattered, his family destroyed in 60 seconds; an arrow pierced his navel and sparks erupted from his eyes.

बुराई पर अच्छाई का प्रतिक विजयादशमी पर्व गुरुवार को जिले भर में हर्ष और उल्लास से मनाया गया। नगर निगम की ओर से विजयादशमी के उपलक्ष्य में गुरुवार शाम तेजाजी चौक, टंकी के बालाजी, उपनगर पुर में दरक स्टेडियम, सांगानेर, लेबर कॉलोनी में श्रम कल्याण केंद्र तथा सालरा में रावण दहन हुआ। आयुक्त हेमाराम चौधरी ने बताया कि तेजाजी चौक चबूतरे पर 51 फीट के रावण के पुतले का दहन हुआ। यहां रावण के साथ ही कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले का भी दहन किया गया।

निगम की ओर से मुख्य समारोह तेजाजी चौक में हुआ। यहां हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने रावण दहन पर जय श्रीराम के नारे से क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया। रामलीला कलाकार राम व लक्ष्मण ने जैसे ही 51 फीट उंचे रावण की नाभी में तीर छोड़े तो गुस्साए रावण ने आंखों से अंगारे निकाले। यह रोमांचक नजारा देखते ही तेजाजी चौक में मौजूद दर्शक जय श्रीराम के जयकारे लगाने लगे। 20 सैकंड तक आंखों से अंगारे बरसे। रावण ने दोनों हाथों से शोले बरसाए। यह नजारा तेजाजी चौक में विजयादशमी के अवसर पर नगर निगम की ओर से आयोजित रावण दहन में देखने को मिला। इससे पहले बड़ा मंदिर से ठाकुरजी का बेवाण भजन कीर्तन के साथ तेजाजी चौक पहुंचा। ठाकुरजी ने सांकेतिक रूप से लंका द्वार ध्वस्त किया। इसके साथ ही लंका द्वार जल उठा। इसके बाद 35-35 फीट उंचे मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया। आकर्षक आतिशबाजी के साथ दोनों भाइयों के पुतलों के दहन होने के बाद अंत में रावण के पुतले में आग लगाई गई। 52 सैकंड में रावण ढेर हो गया। 3 मिनिट में रावण परिवार का अंत हो गया।

चांदी के बेवाण में राम लक्ष्मण पहुंचे

माहेश्वरी समाज चारभुजा मंदिर ट्रस्ट के बड़े मंदिर से दशहरा पर्व पर भगवान श्रीचारभुजा नाथ की शोभायात्रा चांदी के बेवाण में राम लक्ष्मण विराजितकर निकाली गई। शाम को दशहरा प्रांगण तेजाजी चौक पहुंचा। पुजारी राम लक्ष्मण सीता में से सीता मैया को पहले ही रपट के बालाजी के यहां ले गए जहां भजन किर्तन हुआ। राम लक्ष्मण के बेवाण के पहुंचने पर रावण वध हुआ। शोभायात्रा पंचमुखी मंदिर से होते हुए पुन: मंदिर पहुंचा।

राम रावण युद्ध रहा आकर्षण का केंद्र

आजाद चौक से प्रारम्भ हुई शोभायात्रा शाम को तेजाजी चौक पहुंची। यहां राम व रावण की सेना में युद्ध हुआ। अखाड़ा प्रदर्शन व राम रावण का युद्ध हुआ। मंजू पोखरना व भैरुलाल सेन ने बताया कि मंचन में राम का किरदार दीपक सोनी, सीता माता का माया पारीक, और रावण का कमल कसारा ने निभाया।

श्रम कल्याण केंद्रः पर आतिशबाजी के साथ रावण दहन

श्रम कल्याण केंद्र में रावण व मेघनाद के 35-35 फीट के पुतलों का दहन किया गया। सबसे पहले एक घंटे तक आतिशबाजी कर दर्शकों का मनोरंजन किया गया। रावण व मेघनाद के पुतलों में आग लगाने से पहले अतिथियों ने पुतलों के पास बैठकर पूजन किया। बाद में उन्होंने मेघनाद व रावण के पुतलों में आग लगाई। करीब 7.15 बजे यानी 4 मिनट में सभी पुतले जल गए।

दरक स्टेडियम में रावण दहन

उपनगर पुर के दरक स्टेडियम में 35-35 फीट के रावण व मेघनाथ के पुतले का दहन किया। दोनों पुतलों दहन होने में महज 10 से 15 मिनट का समय लगा। शाम सवा छह बजे भगवान राम ने रावण के पुतले में आग लगाई। रावण दहन से पहले लक्ष्मी नारायण भगवान का बैवाणदरक स्टेडियम पहुंचा। जहां राम व रावण की सेना में युद्ध हुआ।